राजस्थान विद्यापीठ के स्थापना दिवस समारोह में पहुचे चिकित्सा मंत्री
उदयपुर। चिकित्सा मंत्री राजेंद्रसिह राठौड ने कहा कि आजादी के आंदोलन के समय राजस्थान विद्यापीठ ने जो शिक्षा की अलख जगाई जो आज भी कायम है। कर्नल टोड ने यहां बैठकर राजस्थान के इतिहास पर पुस्तक लिखी है तो ग्रामंीण क्षेत्रों के रहने वाले लोगों को शिक्षा से जोडने का सबसे पहला अभियान विद्यापीठ ने ही चलाया था।
राठौड रविवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के 29पें स्थापना दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह के शुभारंभ पर उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने डबोक स्थित होम्योपेथिक चिकित्सा महाविद्यालय के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण भी किया। समारोह में राज्य सभा सांसद डी.पी.त्रिपाठी, जोधपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता पुष्पेंद्रसिंह भाटी, कुलाधिपति एचसी पारिख, कुलपति प्रो एसएस सारंगदेवोत, कुल प्रमुख बीएल गुर्जर व रजिस्टार प्रो सीपी अग्रवाल ने भी विचार व्यक्त किए। राज्य सभा सांसद डी.पी.त्रिपाठी, ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा केा ही शिक्षित करने की आवश्यकता बताई। उन्होने कहा कि वर्तमान में शिक्षा ग्रहण करना आवश्यक है, लेकिन उससे जुडे मूल्य और संस्कार करना भी उतना ही जरूरी है। राजस्थान विद्यापीठ ने स्थापना के समय से ही इन संस्कारिक मूल्यों को शिक्षा के साथ ही देने की प्रक्रिया बनाई। जो आजादी के आंदोलन से जारी रही है। अतिथियों ने होम्योपैथिक की इंटरनेशनल जरनल का विमोचन किया।
20 फीसदी युवा बेरोजगार : मंत्री राठौड ने कहा किहाल ही हुए शोध में बताया गया कि करीब बीस फीसदी युवा आज भी बेरोजगार है। राजस्थान में हुए चुनाव के मेनिफेस्टो में तय किया गया था कि पंद्रह लाख नौकरियां दी जाएंगी। जिसे लेकर सरकार आज भी संकल्पबदृध है। इस दिशा में प्रक्रिया भी जारी है। हालांकि, विपक्ष इन मसलों को लेकर हमेशा हमारे सामने खडा होता रहा है, लेकिन सरकार इस वादे को शीघ्र ही पूरा कर देगी। अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति एचसी पारिख ने कहा कि स्थापना से लेकर वर्तमान तक कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों से ही विद्यापीठ ने शिक्षा की ज्योति को गरीब, ग्रामीणों आदि के लिए जलाया है। प्रारंभ में स्वागत भाषण एवं संस्था का परिचय कुलपति प्रो एसएस सारंगदेवोत ने दिया। धन्यवाद रजिस्टार प्रो सीपी अग्रवाल ने ज्ञापित किया। समारोह का संचालन डॉ धीरजप्रकाश जोशी ने किया।
निबन्ध एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता 11 को : रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने बताया कि विद्यापीठ के विभागों में अध्ययनरत छात्रों के मध्य स्वामी विवेकानन्द का विश्व-दर्शन और वर्तमान शिक्षा की दशा ओर दिशा पर निबन्ध एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन 11 जनवरी किया जाएगा।