राजस्थान विद्यापीठ में कॅरियर काउन्सलिंग पर सेमीनार
उदयपुर। छात्रों को जॉब एवं केरियर दोनों में अंतर समझना चाहिए। अगर लाईफ बनाना है तो केरियर पर फोकस करना चाहिए। आज हर माता पिता को अपने बच्चे से बेहतर से बेहतर करने की अपेक्षा होती है, उसे पूरा करने के लिए इधर उधर भागने की बजाय मुंह बंद, कान खुले और आंखे फोकस करनी चाहिए। जब तक छात्र कॅरियर पर फोकस नहीं करेगा, कॅरियर नहीं बना सकता।
ये विचार गुरूवार को राजस्थान विद्यापीठ के संघटक आईटी विभाग की ओर से आयोजित कॅरियर काउन्सलिंग सेमीनार में उत्तर प्रदेश सरकार कॅरियर काउन्सलर मोटिवेटर के अतिरिक्त निदेशक डीके वर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में व्यलक्ते किए। उन्होंने कहा कि छात्रों में लगातार सीखने की प्रवृति होनी चाहिए तथा अपनी कमजोरियों को कभी छुपाना नहीं चाहिए। वर्मा ने कहा कि 21 वीं सदी के दौर में भी छात्र अपना कॅरियर च्वा।इस से नहीं चांस के आधार पर तय करता है। इसी कारण छात्र-छात्राएं स्कूल शिक्षा पूरी करने के बाद अनचाहे कॉलेजों में दाखिला लेकर अपना भविष्य अंधकार में डाल देते है इसलिए विद्यार्थी को अपना कॅरियर अपने मन से करना चाहिए न कि किसी के थोपे जाने से। आज देश में केरियर की कोई कमी नहीं है। निदेशक डॉ. मनीष श्रीमाली ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सेमीनार की जानकारी दी। संचालन डॉ. प्रदीप सिंह शक्तावत ने किया तथा धन्यवाद डॉ. भारत सिंह देवड़ा ने दिया। डॉ. हिना खान, डॉ. गौरव गर्ग, कृष्णकांत नाहर, दिनेश श्रीमाली, दिलीप चौधरी, भगवती लाल श्रीमाली सहित आईटी, एमबीए एवं ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।