शनिवार को गूंजेगा वन्दे मातरम्, साइकिल व नाव से होगा सागर मंथन
उदयपुर। अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति, नगर निगम, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं के साझे में होने वाले दस दिवसीय कार्यक्रमों का शुक्रवार को आलोक संस्थान स्थित श्रीराम मंदिर में कलश पूजन और घट स्थापना, शंखनाद और धर्म ध्वजादण्ड के पूजन से हुआ। मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी थे जबकि अध्यक्षता नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्री य सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत ने की।
डॉ. कुमावत ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम 6 अप्रेल से 8 अप्रेल तक होंगे। इस बार सागर मंथन के तहत साइकिलिंग कार्यक्रम होगा जिसमें फतहसागर से अनेक साइकिलिस्ट साईकिल से महाकालेश्वनर पहुंचेंगे। पहली बार फतहसागर झील में नाव में भारत माता स्थापित की जाएगी। अमृत घट के साथ साईकिलिस्ट और नाव साथ-साथ चलकर वहां कार्यक्रम को भव्य रूप प्रदान करेंगे।
शनिवार को शाम 5.30 बजे गंगाजल घटस्थापना कर उसका पूजन किया जाएगा तथा उसी गंगाजल को नाव से भारत माता स्वयं ले जाकर फतहसागर के जल में विसर्जित करके उस जल को पुनः भरकर महाकालेश्वतर मंदिर के गंगाघाट स्थल पर पहुंचेगी। सभी साइकिलिस्ट यहां से होते हुए महाकालेश्वतर पहुंचेंगे जहां सागर मंथन को अंतिम रूप देते हुए वहाँ शिव और शक्ति का पूजन और अर्चन किया जाएगा।
सीडी विमोचन : 3 अप्रैल को डॉ. प्रदीप कुमावत लिखित भारत माता की आरती का विमोचन किया जाएगा। संगीत संयोजन मनमोहन भटनागर ने किया है। उदयपुर के नवोदित गायिका अनुराधा खिलोलिया, छात्र आदित्य खत्री सहित कई लोगों ने अपनी आवाज दी है।
भारत माता की महाआरती : 4 अप्रैल को भारत माता की महाआरती शहीद स्मारक, नगर निगम में सायंकाल 5.30 बजे की जाएगी जहाँ इस सीडी को आमजन को सुनने का अवसर भी प्राप्त होगा।
सम्मान : 5 अप्रैल को धर्म ध्वजारोहण, षिव-षक्ति संगम, महिला सशक्तीकरण सम्मान होगा जिसमें सत्-रज-तम और ब्रह्मा-विष्णुी-महेश के रूप में तीन पताकाओं को एक साथ फहराई जाएगी।
संवत्सर नाद : 6 अप्रेल को पारम्परिक कार्यक्रम फतहसागर की पाल पर होगा जहां अपनी पगड़ी सजाओ के साथ-साथ पारम्परिक बैण्ड प्रस्तुतियां संवत्सर नाद कार्यक्रम के अन्तर्गत दी जाएगी। संवत्सर नाद में जो बैण्ड प्रस्तुतियां देंगे उन्हें रोटरी क्लब एवं नववर्ष समारोह समिति की ओर से सम्मानित किया जाएगा। डॉ. कुमावत 52 प्रकार के हास्य योग करवाएंगे।
शिवसिंह सोलंकी ने बताया कि 7 अप्रैल को ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा चार अलग-अलग स्थानों से निकलेगी। महापौर चन्द्रसिंह कोठारी एवं जगदीश मेनारिया ने बताया कि 8 अप्रैल स्वागत नववर्ष 2073 के कार्यक्रम के लिए दूधतलाई पर सजावट की जाएगी तथा आतिशबाजी की व्यवस्था भी की जाएगी। इस अवसर पर कृष्णतकान्त कुमावत, निश्चय कुमावत, भूपेन्द्रसिंह भाटी, रोबिनसिंह सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।