उदयपुर। मानसून के दौरान ही अधिकांश पक्षियों का प्रजनन काल रहता है और इस दौरान वे पेड़ों और सुरक्षित जगहों पर अपने घोंसलों का निर्माण करते हुए अण्डे देते हैं। एक माह देरी से आए मानसून के बाद परिंदों ने भी देरी से प्रजजन काल प्रारंभ किया।
इन दिनों शहर के आसपास कई स्थानों पर अलग-अलग प्रजातियों के परिंदे अपने घोंसलों के निर्माण और बच्चों की देखभाल में जुटे हैं। एक ऐसा ही नज़ारा शहर के पास एक गांव में दिखाई दे रहा है जिसमें मध्यप्रदेश का राज्य पक्षी दुग्धराज जिसे अंग्रेजी में पेरेडाईज़ फ्लाईकेचर कहा जाता है। अपने घोंसले के पास बच्चों के साथ अठखेलियां करता दिखाई दे रहा है। बेहद ही खुबसूरत यह पक्षी प्रवासी पक्षियों की श्रेणी में माना जाता है। यह पक्षी अपनी रिबनदार लंबी पूछ के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह पक्षी अपनी रिबननुमा पूंछ उसी तरह घुमाता है जिस तरह रशियन बैले नृत्य में नर्तकियां रिबन को घुमाती है। इस नर पक्षी की दो आकर्षक मुद्राओं का दृश्य उदयपुर के पक्षी प्रेमी और फोटोग्राफर विनय दवे ने क्लिक किया है।