स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत दो दिवसीय कार्यशाला
उदयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि पंचायत से लेकर स्थानीय निकायों तक कोई भी जन प्रतिनिधि यह नहीं सोचे कि लॉटरी सिस्टम के कारण अगली बार उसकी सीट नहीं आयेगी इसलिए मैं अच्छे काम क्यों करवाऊं। उन्होंने कहा कि राजनीति में आप अच्छा करोगे तो अच्छे अवसर पाओगे, वरना रेस से बाहर हो जाओगे। राजनीति सिर्फ एक पद पर ही खत्म नहीं होती। अच्छा काम करने वालों के लिए आगे भी मौके आते हैं।
राजे गुरूवार को उदयपुर में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शहरी स्थानीय निकायों के लिए आयोजित दूसरी राज्य स्तरीय कार्यशाला (म्युनिसिपालिका) के शुभारंभ के अवसर पर सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति एक बार उदयपुर आता है तो उसका बार-बार यहां आने का मन करता है। इस शहर ने अपने आप में एक अलग छवि बनाई है। यहां के लोगों, यहां तक कि बुजुर्गों में भी अपने शहर को स्वच्छ रखने की ललक है। इस शहर से सभी शहरों को कुछ न कुछ सीखना चाहिए और उदयपुर की तर्ज पर एक-एक प्रोजेक्ट को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाना चाहिए। राजे ने स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नगरीय निकाय, जिला प्रशासन एवं स्वयंसेवी सस्थाओं को सम्मानित भी किया।
शहरी जन कल्याण शिविर 21 जनवरी से
उन्होंने कहा कि 21 जनवरी से शहरी जन कल्याण शिविर आयोजित किए जायेंगे। इन शिविरों में शहरी क्षेत्र की आवासीय एवं वाणिज्यिक समस्याओं का समाधान होगा। शिविरों में आवासीय भूखण्ड एवं मकानों का नियमन करने के साथ ही पट्टे जारी किए जायेंगे। परिधि क्षेत्र में खातेदारी भूमि में बने हुए मकानों का 500 वर्ग मीटर तक निःशुल्क नियमन किया जायेगा और स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत लम्बित प्रकरणों का निस्तारण किया जायेगा। साथ ही सिवायचक भूमि का आवंटन विकास कार्यों के लिए हो सकेगा। राजे ने कहा कि आरयूआईडीपी का चैथा चरण जल्द ही शुरू किया जायेगा। इसमें 50 हजार से अधिक जनसंख्या वाले सभी शहरों को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
आमदनी बढ़ाने पर ध्यान दें नगरीय निकाय
राजे ने कहा कि छोटे नगरीय निकाय आत्म निर्भर बनने के लिए आमदनी बढ़ाने पर भी ध्यान दें ताकि अपने शहर को सुन्दर, स्वच्छ और विकसित बनाने की दिशा में वे ठीक से काम कर सके। उन्होंने कहा कि लोगों को शहर का विकास तो चाहिए लेकिन वे विकास के लिए जरूरी स्थानीय कर देने में हिचकते हैं। लोग आगे बढ़कर शहरी विकास कर जमा कराए, ताकि आपका शहर और निखर सके।
अन्नपूर्णा रसोई में बढाएं जनभागीदारी : मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में 400-500 अन्नपूर्णा रसोई शुरू की जायेंगी। यह रसोई पीपीपी मोड पर संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसमें जन भागीदारी बढ़नी चाहिए और लोग जन्मदिन, शादी की सालगिरह या बच्चे के जन्म की खुशी जैसे अवसरों पर अन्नपूर्णा रसोई पर खाना खिलाकर इस मुहिम को आगे बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं। इसमें सीएसआर गतिविधियों को भी शामिल किया जा सकता है।
राजे ने कहा कि उदयपुर में जिला प्रशासन के सहयोग से जिस तरह 1 रुपये में 1 लीटर मिनरल वाटर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। ये एक अच्छा नवाचार है, इसे प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजस्थान ने नगर पालिका चुनाव में शैक्षणिक योग्यता एवं कार्यशील शौचालय की अनिवार्यता लागू करने की जो पहल की उसे आज दूसरे राज्य भी अपना रहे हैं। इस पहल से पढे़-लिखे युवाओं को मौका मिला और साथ ही प्रदेश में शौचालयों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई। नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द कृपलानी ने कहा कि मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप राजस्थान की सभी नगर पालिकाएं एवं नगर परिषद खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य तय समय में पूरा करें।
मुख्यमंत्री ने दो अन्नपूर्णा वैन रवाना की, खाना भी चखा : मुख्यमंत्री ने कार्यशाला के उद्घाटन से पहले दो अन्नपूर्णा रसोई वैन को हरी झण्डी दिखाई। ये वैन उदयपुर शहर में लोगों को पांच रुपये में नाश्ता व आठ रुपये में खाना उपलब्ध करायेंगी। उन्होंने अन्नपूर्णा रसोई का खाना भी चखा और वहां खड़ी दो महिलाओं इन्दिरा देवी और कमलेश कुंवर को खाना टेस्ट कर उसकी गुणवत्ता के बारे में पूछा।