पूरा मालू परिवार चलेगा संयम के पथ पर
तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव आज से
उदयपुर। साधुमार्गी जैन संघ उदयपुर द्वारा आचार्य रामलाल मसा की निश्रा में जैन भगवती दीक्षा महोत्सव सुन्दरवास स्थित आचार्यश्री नानेश ध्यान केन्द्र में चैबीसी एवं मंगल गीत के साथ कल से प्रारम्भ होंगे।
संघ अध्यक्ष नरेश सिंघवी ने बताया कि यह उदयपुर के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि एक परिवार के चारों सदस्य 41 वर्षीय निर्मल मालू,चन्दनदेवी मालू 13 वर्षीय पुत्र ममुक्षु नीरज मालू, 11 वर्षीय मुमुक्षु समता मालू, अलावा दो अन्य युवतियां 30 वर्षीय सपना लोढ़ा तथा 26 वर्षीय निकिता कोटड़िया एक साथ आचार्य रामलाल मसा से दीक्षायें लेगी, जो अब तक देश में सर्वाधिक 299 दीक्षायें दिला चुके हैं।
मालू परिवार-जिस धरा से पाया और उसी को वापस लौटाना है,के उद्देश्य को लेकर न केवल स्वयं वरन् अपने पूरे परिवार के साथ संासारिक जीवन को त्यागने वाले मूलतः नोखा एवं हाल सूरत निवासी निर्मल मालू परिवार सूरत में व्यवसायी है। निर्मल मालू के पुत्र नीरज मालू ने एक वर्ष पूर्व वैराग्यकाल अपना लिया था और इस दौरान अब तक करीब 400 किमी. की पदयात्रा कर चुके है। नीरज ने मात्र 7 वर्ष की उम्र प्रतिक्रमण करना प्रारम्भ किया और 9 वर्ष तक पंहचते-पंहुचते दशवैकालिक को कंठस्थ कर लिया। मुमुक्षु समता मालू ने भी अपने भाई के साथ ही एक वर्ष पूर्व वैराग्यकाल अपनाकर 300 किमी. की पदयात्रा कर चुकी है। 7 वर्ष की उम्र में प्रतिक्रमण करते हुए श्री अ.भा.जैन संघ द्वारा बाल रत्न का पुरूस्कार प्राप्त किया।
दोनों भाई-बहिन धार्मिक अध्ययन में अधिक रूचि ली जिसके परिणाम स्वरूप ये अब तक सुख विपाक,दशवैकालिक,पुच्छिसुमण,नमिराय,भक्तामर,अमित गति बतीसी,रत्नाकर पच्चीसी,25 बोल,समकित के 67 बोल,5 समिति,3 गुप्ति,गति-अगति,लघुदण्डक, गुणस्थान स्वरूप,कर्म स्वरूप,जीवधड़ा आदि छोटे-छोटे बोल भूषण की 4 परीक्षायें उर्तीण की।
सपना लोढ़ा-फतहनगर के समीप चिकारड़ा क्षेत्र में जन्म लेने वाली सुश्री सपना लोढ़ा को वैराग्यकाल अपनाने की प्रेरणा शासन दीपिका मुक्तिप्रभा म.सा.से मिली और 8 वषर्स से वैराग्यकाल अपना रही है। इन्होंने 12 वीं तक लौकिक शिक्षा प्राप्त की। ये अब तक 2,3,5 एकासन का मासखमण कर चुकी है और ढाई हजार किमी. की यात्रा कर चुकी है। इनके पिता सागरमल एवं माता कला देवी लोढ़ा है।
निकिता कोटड़िया- महाराष्ट्र के शहादा क्षेत्र की 26 वर्षीय निकिता कोटड़िया ने बी.ई की डिग्री लेकर लेक्चरर बनी और उसके बाद अहिंसा पाॅलीटेक्निक एण्ड इंजीनियरिंग काॅलेज, डिलिजेन्ट एकेडगी क्लासेस की शिक्षा प्राप्त की। आचार्य रामलाल महाराज द्वारा वर्ष 2005 में जलगांव में दीक्षा प्रसंग पर दिये गये प्रवचनों से प्रेरित हो कर संयम मार्ग अपनाने की प्रेरणा मिली। निकिता के पिता सुभाष एवं माता कचंन कोटड़िया है।
धार्मिक अध्ययन के तहत अनेक प्रकार की धार्मिक शिक्षा प्राप्त की। इसके अलावा निकिता ने बेला, तेला, अठाई चद्रंकला तप किये है।
स्ंाघ के मंत्री नानालाल भंसाली ने बताया कि तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव के दूसरे दिन 7 फरवरी को दोपहर सवा बारह बजे दीक्षार्थियों का वरघोड़़ा एवं दोपहर 2 बजे अभिनंदन समारोह आयोजित किया जायेगा। तीसरे एवं अंतिम दिन 8 फरवरी को प्रातः 7 बजे महानिष्क्रमण यात्रा,8 बजे आचार्य रामलाल महाराज द्वारा दीक्षार्थियों को दीक्षा देने के बाद प्रवचन दिये जायेंगे।
समारोह के मुख्य अतिथि श्री अ.भा.जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यद्वक्ष जयचन्दलाल डागा, श्री अ.भा.जैन संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उमरावसिंह ओस्तवाल,सुन्दरलाल दुग्गड़, श्री अ.भा.जैन संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माणक नाहर, श्री अ.भा.जैन महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभा देशलहरा, श्री अ.भा.जैन समता युवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल पगारिया, समाज सेवी मंजू सिंघवी सहित अनेक अतिथि मौजूद रहेंगे।