– विवेकानंद जन शताब्दी समारोह
उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के लोकमान्य शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में शुक्रवार को विवेकानंद जन शताब्दी वर्ष पर पं. नागर सेमिनार हॉल में व्याख्यानमाला आयोजित की गई। इसमें आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रो. विनया पेंडसे ने बताया कि जो शिक्षा मनुष्य को भरण-पोषण का मार्ग बताती है वह अविद्या है तथा जो ईश्वरी मार्ग की ओर ले जाती है, वही सच्ची शिक्षा है।
सत्य, अहिंसा, विश्व बंधुत्व, आस्तेय, सहिष्णुता, संस्कारवादिता आदि सभी धर्मों में विद्यमान है। उन्हीं मूल्यों को विकसित करना स्वामी विवेकानंद के गुरु आचार्य रामकृष्ण की शिक्षाओं का मूल उद्देश्य था। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों का स्वागत श्रीफल एवं विवेकानंद साहित्य भेंट कर किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. दिव्यप्रभा नागर ने बताया कि भारतीय संस्कृति युवाओं के संरक्षित करने का प्रयास करती है। साथ ही उन्होंने बताया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जीविकोपार्जन करना ही नहीं है, बल्कि जीवन जीने के लिए प्रेरित करना व राष्ट्र निर्माण में सहयोग देना है। कार्यक्रम में अधिष्ठाता डॉ. शशि चित्तौड़ा ने स्वागत भाषण देकर अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. देवेंद्रा आमेटा ने किया। इस अवसर पर डॉ. अमि राठौड़, डॉ. सुनीता मुर्डिया, कैलाश चौधरी, प्रवीण पानेरी, तन्मय पालीवाल तथा रामकृष्ण मिशन समिति उदयपुर के बीपी पालीवाल व हंसानंदजी भी उपस्थित थे।