8 वर्ष बाद आया दुर्लभ संयोग
उदयपुर। जैन धर्मावलम्बियों के लिए वर्ष 2012 खुशखबरी लाया है। इस वर्ष चातुर्मास (वर्षाकाल) पांच महीने का होगा। इससे पूर्व पांच माह के चातुर्मास का दुर्लभ संयोग वर्ष 2004 में हुआ था। दो भाद्रपद यानी हिन्दी महीनों के अनुसार बारिश के समय में सीधे एक माह का इजाफा हो रहा है।
विक्रम संवत् 2069 की भाद्रपद शुक्ल प्रतिपदा 18 अगस्त 2012 से अधिक पुरूषोत्तम मास शुरू होगा, जो भाद्रपद अमावस्या 16 सितम्बर तक रहेगा। जैन मान्यतानुसार चातुर्मास आषाढ़ शुक्ला चौदस से आरम्भ होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। पुष्कर वाणी ग्रुप के अनुसार भारतीय मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी देवशयनी से कार्तिक शुक्ल एकादशी देवप्रबोधिनी तक चातुर्मास माना जाता है। आधा आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और आधा कार्तिक माह बारिश के माने जाते हैं। भाद्रपद दो होने से पूरा एक माह बारिश बढ़ेगा।
पर्यूषण आराधना होगी अगस्त में : इस वर्ष दो भाद्रपद होने के कारण इस वर्ष प्रथम भाद्रपद में पर्यूषण महापर्व की धर्म आराधना होगी। 14 अगस्त से आरम्भ पर्यूषण की पूर्णाहूति संवत्सरी महापर्व 21 अगस्त पर होगी।
ज्यादा समय मिलेगा तप-जप-आराधना का
अहिंसा विचार मंच अध्यक्ष डॉ. दिलीप धींग के अनुसार जैन परम्परा की मानें तो चातुर्मास के आयोजनों में एक माह अधिक होने की वजह से तप—आराधना का समय एक माह और मिलेगा। इससे इस साल विभिन्न धार्मिक आयोजनों की अधिकता रहेगी।
यह है अधिक मास
ज्योतिष विशेषज्ञ व जौहरी राजकुमार बाफना के अनुसार अधिक मास का निर्णय अमांत मास एक अमावस्या के अंत से अग्रिम अमावस्या के अंत तक के आधार पर होता है। हर माह में अलग राशियों की संक्रांति आती है। जिस अमांत मास में किसी राशि की संक्रांति नहीं होती, उस मास को अधिक माना जाता है। वर्ष 2012 में भाद्रपद में कन्या संक्रांति नहीं होने पर भाद्रपद अधिक हुआ है।
पिछले इन वर्षों में रहा था अधिक मास
बाफना के अनुसार विक्रम संवत् 2050 में एक भाद्रपद मास, वि. सं. 2058 में एक अश्विन मास, वि. सं. 2061 में एक श्रावण मास और इस वर्ष एक भाद्रपद अधिक मास में है।
अगली बार कब रहेगा चातुर्मास पांच माह का
वर्ष 2012 के पश्चात् अब 7 वर्षों के अंतराल के बाद विक्रम संवत् 2077 में एक अश्विन मास अधिक होगा, उसके पश्चात् विक्रम संवत् 2080 में एक श्रावण मास की अधिकता रहेगी जिससे इन वर्षों में चातुर्मास पांच माह का रहेगा।