धन्वन्तरि महोत्सव धूमधाम से मनाया
udaipur. राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय सिंधी बाजार में धन्वन्तरि सप्ताह के अन्तर्गत आयुर्वेद चिकित्सा के आराध्य देव भगवान धन्वन्तरि का आविर्भाव दिवस ‘‘धन्वन्तरि महोत्सव-2012’’ के रूप में मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत भगवान धन्वन्तरि की पूजा अर्चना कर दीप प्रज्जवलित किया गया। औषधालय के प्रभारी डॉ. शोभालाल औदीच्य ने आयुर्वेद के पुरातन व वर्तमान महत्व को बताते हुए विज्ञान व आध्यात्म के साथ जोड़ने पर बल दिया व कहा कि जब तक विज्ञान अध्यात्म से नहीं जोडा जाता वह पूर्णता प्राप्त नहीं कर सकता। हमारे पूर्वज ऋषि मुनियों द्वारा आरम्भ से ही आयुर्वेद को आध्यात्म से जोड दिया था जिसके परिणामत: आयुर्वेद में आज भी पूर्णता: को देखते हुए सम्पूर्ण विश्वज इसे स्वीकार कर अपने दैनिक जीवन में स्वीकार कर रहा है। आयुर्वेद विज्ञान ही नहीं पूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है।
डॉ. औदिच्य ने बताया कि आयुर्वेद के सभी अमृतो में श्रेष्ठ है और इससे असाध्य रोगो का समूल नाश संभव है। उन्होंने कहा कि पा_चात्य संस्कृति के परोसे गये खान-पान, रहन-सहन हमारी वास्तविक व वैज्ञानिक पारम्परिक व्यवस्था में कोढ साबित हो रहा है एवं आयुर्वेद प्रकृति आधारित वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है, वर्तमान में मनुष्यय की लाईफ स्टाईल बीमारियों (रक्तचाप, डायबिटीज, थाइराइड, कैन्सर) को आयुर्वेद में बताये नियमो का पालन कर बचा जा सकता है। साथ ही इस अवसर पर आये रोगियों का उपचार परामर्श दिया गया व कल 19 नवम्बर को वृद्धावस्थाजन्य रोगो के बारे में जानकारी के साथ बचाव के उपाय प्रात: 9 से 12 बजे तक बताये जाएंगे।
क्षेत्रीय गणमान्य नागरिक पं. उमेशचन्द्र गौड, अशोक कुमार पोखरना, यशवन्त गुप्ता, जगदीश शर्मा, इब्राहीम खान, रूकमणी परमार, शंकरलाल मीणा, इन्द्रा डामोर, अमृतलाल, रामसिंह ठाकुर, गजेन्द्र आमेटा, दुर्लभचन्द मेनारिया, रविन्द्र दाहिमा, विकास औदिच्य आदि उपस्थित थे।