एकीकरण, मंत्रियों द्वारा अमर्यादित शब्दों का विरोध
उदयपुर। विभिन्नो शिक्षक संघों से जुड़े सभी शिक्षकों ने मंगलवार को कलक्ट्रेमट के समक्ष धरना देकर प्रदर्शन किया। इनकी मांगों में विद्यालय एकीकरण आदेशों की विसंगतियां, विद्यालय समय सुबह 10 से 4 बजे तक रखने तथा शिक्षा मंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री व अतिरिक्त शिक्षा सचिव द्वारा शिक्षकों के लिए अमर्यादित भाषा का उपयोग करना शामिल था।
इसके विरोध में सैकड़ों शिक्षकों ने नारेबाजी कर काली पट्टी बांधकर विरोध किया तथा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिला मंत्री चन्द्रप्रकाश मेहता ने आरोप लगाया कि शिक्षा अधिकारियों ने बंद कमरों में बैठ कर स्कुलों को मर्ज करने के प्रस्ताव तैयार किये जिसके कारण से ये विसंगतियां पैदा हुई। जिलाध्यक्ष जगदीश चन्द्र उपाध्याय ने कहा कि एकीकरण के तहत स्कुल की भौगोलिक स्थिति, छात्र संख्या, समायोजित स्कूल के भवन की दशा आदर्श स्कूल की दूरी आदि बिन्दुओं को दरकिनार कर तैयार प्रस्तावों के कारण यह समस्या रही। वगतलाल शर्मा ने पंचायत राज सेवा के शिक्षकों को बिना उनकी सहमति के एकीकरण के माध्यम से उप्रावि, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भेजकर सेटअप परिवर्तन करने का विरोध किया। सुधीर शर्मा ने बताया कि राजस्थान शिक्षा अधिनस्थ सेवा अधिनियम 1971 के नियम 6डी के अन्तर्गत पंचायती राज नियम के तहत नियुक्त अध्यापक तृतीय श्रेणी को माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर समायोजन/स्थानान्तरण हेतु विकल्प भरवाये जाते है लेकिन राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया, संगठन मांग करता है कि सबसे पहले विकल्प पत्र भरवाये जाये।
जिला संगठन मंत्री भैरूलाल तेली ने राज्य सरकार पर निजी विद्यालयों को बढावा देने का आरोप लगाया। सरकार द्वारा रातो रात बनाये गये आदर्श मावि/उमावि की दूरी छात्रों के घर से 2 से 3 किमी कर दी। प्रदेश महिला मंत्री वंदना शर्मा ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री से मांग की कि शिक्षकों पर शादि-उत्सव-दाह संस्कार का निजी खर्च भी सरकारी खाते में जोड़ने के आरोप का उदाहरण उन्हें कहां पर मिला। पूर्व प्रदेश सभाध्यक्ष अर्जुन मंत्री ने शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले मंत्रियों व अधिकारी को हटाने की मांग की। शिक्षक नेता साकरचन्द लबाना, प्रेमशंकर शर्मा, शाहिदा परवीन, जयमाला पानेरी, मीरा शर्मा एवं संदीप खींची ने भी सरकारी रवैये पर आक्रोश प्रकट किया। अन्त में सभाध्यक्ष जगदीश सुथार ने शिक्षकों का आभार जताया