सूचना केन्द्र में ‘‘पराशक्ति’’ चित्र प्रदर्शनी प्रारंभ
udaipur. शांति का संदेश देते गौतम बुद्घ। पद्मपाणी का चित्र एक अलग ही भाव में। वटवृक्ष के नीचे बुद्घ ने सुजाता से दूध और चावल ग्रहण किए और सम्य्क ज्ञान की प्राप्ति कर दुनिया को शांति का संदेश दिया। हाथों में नवग्रह के प्रतीक लिए मॉं, मानो ब्रह्माण्ड थामे है। आशा की एक किरण। शांति और पराशक्तियों को प्रदर्शित करते अनेक चित्रों के साथ-साथ प्रकृति के पंचतत्व, आंचल में ब्रह्माण्ड को समेटने की कल्पना का चित्रण, प्राकृतिक चित्रण, नारी सौन्दर्य, निधिवन में कृष्ण-राधिका, बसन्त का आभास कराते खिलते हुए फूल, समुद्र का किनारा जैसे विषयों पर बनाए गए पोट्रेट, लेण्डस्केप, कम्पोजिशन, मॉडर्न आर्ट, मिनिएचर चित्रों की एक आकर्षक प्रदर्शनी आज सूचना केन्द्र पर प्रारंभ हुई।
चित्रों की यह प्रदर्शनी 14 फरवरी तक आम दर्शकों के लिए कार्यालय समय में खुली रहेगी। दिल्ली की चित्रकार इंदिरा प्रकाश, आस्था एवं मानवी के रंग और रेखाओं के चित्रों का यह संसार देखते ही बनता है। इंदिरा जहां एक ओर परिपक्व चित्रकार है वहीं मानवी कक्षा 8 की छात्रा है तथा आस्था बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स में प्रथम वर्ष की छात्रा है। उम्र और अनुभव का अंतराल होते हुए भी तीनों चित्रकारों के चित्र अपलक निहारने को मजबूर कर देते हैं। प्रदर्शनी में तीनों ही चित्रकारों के 52 चित्रों को आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया है।
पराशक्ति चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ आज उदयपुर के सांसद रघुवीर मीणा ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने प्रदर्शनी का रुचिपूर्वक अवलोकन किया तथा दर्शक पंजिका में अपना अभिमत व्यक्त करते हुए उन्होंने अलग-अलग भाव में अलग-अलग विधा से बनाए गए चित्रों की सराहना करते हुए चित्रकारों को अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्हें आयोजकों की ओर से स्मृति स्वरूप चित्रकृति भेंट की गई। इस मौके पर चित्रकार एम.ए.हुसैन और कला समीक्षक ए.एल.दमामी का अभिनंदन किया गया।
कला समीक्षक दमामी ने बताया कि चित्रों का सर्जन परम्परागत कला का पुनरावतन मौलिकता लिए है। तथ्यों की प्रस्तुति नई है और विषय विविधता लिए हुए है।
चित्रकार इंदिरा प्रकाश को चित्रकला से बचपन से अनुराग रहा। इन्होंने नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट न्यू देहली से कला में एडवांस कोर्स ऑफ आर्ट एप्रीशियेशन तथा नेशनल म्यूजियम न्यू देहली से कलानिधि कोर्स किया है। कलानिधि कोर्स की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि इस कोर्स में स्थापत्य कला विशेष रूप से प्राचीन हडप्पा मोहनजोदडो, अजंता-एलोरा आदि विषयों को शामिल किया गया है। यही कारण है कि इनके बनाए चित्रों में अजंता व एलोरा में बने गौतम बुद्घ एवं पद्मपाणि के शांति मुद्रा भाव के चित्र दिखाई देते हैं। इन्होंने दो दर्जन से अधिक ऐसे चित्रों का रेखांकन किया है। ये कला में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को कला की बारीकियों, रंगों व आकृतियां के संयोजन आदि के बारे में निर्देशित भी करती हैं।