उदयपुर के अशोक मेनारिया शामिल
udaipur. महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के 31वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह 2012 के राज्यस्तरीय अलंकरणों की घोषणा शुक्रवार को की गई। कार्यक्रम 26 फरवरी को होगा। संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि महाराणा मेवाड़ सम्मान सर पद्मपत सिंघानिया की सुपुत्री अरूणा सिंघानिया डालमिया तथा कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. कीर्ति कुमार जैन को दिया जाएगा।
सिंघानिया को निर्धन तबके के लोगों के कल्याण के क्षेत्र में कार्यों के लिए तथा जैन को उदयपुर में जीबीएच अमेरिकन अस्पताल का निर्माण कर स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रिय साझेदारी निभाने के लिए दिया जाएगा।
अन्य राज्यस्तरीय अलंकरणों के तहत ज्योतिष, वेद एवं कर्मकाण्ड में श्रेष्ठ योगदान के लिये जोधपुर के पं. रमेश भोजराज द्विवेदी तथा जयपुर निवासी डॉ. वीरनारायण एन. के. पाण्डुरंगी को महर्षि हारीत राशि सम्मान दिया जाएगा।
महाराणा कुम्भा सम्मान जयपुर के वयोवृद्ध इतिहासकार राजेन्द्र शंकर भट्ट को मेवाड़ी इतिहास पर समर्पित श्रेष्ठ लेखन कार्य हेतु तथा आई आई टी, हैदराबाद में प्रोफेसर बीकानेर के डॉ. नन्द किशोर आचार्य को प्रदान किया जाएगा।
महाराणा सज्जनसिंह सम्मान हस्तशिल्प ब्ल्यु पॉटरी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले जयपुर के गोपाल सैनी को प्रदान किया जाएगा।
डागर घराना सम्मान पंडित चिरंजीलाल तंवर एवं वीणा कैसेट्स के के. सी. मालू को प्रदान किया जाएगा।
राणा पूंजा सम्मान कोटड़ा तहसील के सुदुर एवं पिछड़े आदिवासी अंचल में लोक केन्द्रित विकास के लिए समर्पित मशरू लाल खेर को प्रदान किया जाएगा।
अरावली सम्मान सकारात्मक सोच, मानसिक दृढ़ता और साहस के दम पर शारीरिक विकलांगता पर विजय पाने वाली जयपुर की डेयर डेविल दीपा मलिक को प्रदान किया जाएगा। पांच वर्ष की आयु में रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर होने से अपनी कमर के नीचे की गतिशीलता खो चुकी दीपा ने राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक प्राप्त कर अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैण्ड एवं वेल्स-2010 में जैवलिन, शॉटपुट और डिसकस थ्रो तीनों में स्वर्ण पदक तथा वर्ष 2011 में चीन में आयोजित एशियन पैरागेम्स में जैवलिन में कांस्य पदक प्राप्त कर देश का गौरव बढ़ाया।
मेवाड़ को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के क्षेत्र में गौरव दिलाने वाले अशोक मेनारिया को भी अरावली सम्मान से नवाजा जाएगा। श्री मेनारिया ने वर्ष 2011 एवं 2012 में राजस्थान को रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इन अलंकरणों से सम्मानित होने वाली विभूतियों को पच्चीस हजार एक रू., रजत तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किये जायेंगे।