बिखरी रंग—बिरंगी छटाएँ और आतिशी नजारे
चैती एकम री निकली सवारी
उदयपुर। विक्रम संवत् 2069 के स्वांगत में सुबह से शुरू हुए कार्यक्रमों के तहत स्कूली बच्चों ने शहर के विभिन्न चौराहों पर राहगीरों, नागरिकों को तिलक लगाकर नीम की कोंपल, काली मिर्च और मिश्री का प्रसाद खिलाकर शुभकामनाएं दीं वहीं चैत्र नवरात्रि स्था पना पर शहर के दैवी मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ रही। आते-जाते हर राहगीर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वोयंसेवकों ने भी मां सरस्वती के छोटे-छोटे चित्र भेंटकर शुभकामनाएं दीं वहीं स्कूली बच्चों के आग्रह को कोई नकार नहीं पाया।
शाम को पाला गणेशजी से चैती एकम की सवारी निकाली गई जो दूधतलाई पहुंची जहां आतिशबाजी के साथ संवत् 2069 का भव्यभ स्वागत किया गया। नगर परिषद की ओर से दूधतलाई झील पर आकर्षक रोशनी की गई। यहां का नजारा देखते ही बनता था।
मुख्य अतिथि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, पूर्व सांसद महावीर भगोरा, अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के अध्यक्ष श्यामलाल कुमावत, सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत सहित नगर परिषद के कई पार्षद, अधिकारी मौजूद थे।
वन्दन—अभिनन्दन : नगर के विभिन्न चौराहों को प्रात:कालीन वेला में 11 पण्डितों द्वारा प्रथम सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया गया तथा प्रात:काल सभी चौराहों पर मंगल शहनाई वादन से चौराहों को गुंजायमान किया गया।
सुबह 9 बजे से 11 बजे तक आलोक के छात्र—छात्राएँ, अध्यापक, अध्यापिकाएँ व अन्य कर्मचारी विभिन्न चौराहों व प्रमुख मार्गों पर खड़े रहकर नागरिकों को मिश्री, काली मिर्च, नीम की कोंपले खिलाकर व तिलकर नववर्ष-2069 की शुभकामनाएँ दी। साथ ही नव वर्ष के उपलक्ष्य में प्रात: आलोक संस्थान के छात्रों द्वारा तैयार 25 हजार नववर्ष शुभकामना कार्ड विभिन्न चौराहों पर बाँटे गए।
स्वागत 2069 व भव्य आतिशबाजी : शाम 6.30 बजे ‘चैती एकम् री सवारी’ निकाली गयी जो दूधतलाई पहुँची। मेले में विभिन्न स्टॉल लगाये गए। बच्चों के मनोरंजन के लिए विशेष प्रकार की तैयारियाँ की गई। मेले का मुख्य आकर्षण अशफाक मोहम्मद द्वारा भव्य आतिशबाजी का रहा।
नगर परिषद् सभापति रजनी डांगी ने नगरवासियों को नववर्ष-2069 की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कई वर्षों बाद ऐसा अवसर आया है कि उदयपुर शहर की झीलों में पर्याप्त पानी है जो नगरवासियों को उल्लासित करता है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत ने उदयपुरवासियों सहित सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामलाल कुमावत ने कहा कि नव संवत्सर को भी हम त्यो्हार की तरह मनाएं। दूसरों त्यौहारों की तरह इसे भी त्यौहार के रूप में मनाने की आवश्य कता है।
उन्होंने कहा कि हमारे संस्कृति के सारे आधार पंचांग पर आधारित हैं और यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। और आज गांवों में तो लोग इसी परम्परा को कायम करे हुये है। आज देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमन्त्री सभी भारतीय नववर्ष चैत्र शुक्ला प्रतिपदा के दिन नागरिकों को शुभकामनाएँ देते हैं।
नीलिमा सुखाडिय़ा ने कहा कि आज नववर्ष समारोह समिति के साथ नगर परिषद बधाई के पात्र हैं जिन्होंने आज नवसंवत्सर को त्यौहार के रूप में मनाने के लिये उदयपुरवासियों सहित पूरे भारतवासियों को प्रेरित किया। साथ ही नववर्ष की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन पारस सिंघवी, पायल कुमावत ने किया।
पतंजलि योग समिति एंव भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में नव संवत्सर पर समिति सदस्यों ने प्रात: 9 से 11 बजे तक देहलीगेट स्थित नगरवासियों के तिलक लगाकर नीम मिश्री देकर शुभकामनायें दी।