udaipur. राष्ट्रीय जलवायु अनुकुलित कृषि परियोजना के तत्वाधान में जलवायु परिवर्तन में जागरुकता के संदर्भ में राजसमन्द जिले के प्रत्येक तहसीलों से फिल्ड फेसीलिटेटर्स के प्रशिक्षण का आयोजन सस्य विज्ञान विभाग, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के सभागार में हुआ।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य राजसमन्द जिले में चल रही उपरोक्त योजना के तहत मौसम पूर्वानुमान आधारित कृषि सलाह को किसानों तक पहुचाना है। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को परियोजना अधिकारी डॉ. नारायण सिंह सोंलकी ने मौसम पूर्वानुमान आधारित कृषि के बारे मे जानकारी देते हुए मौसम के तत्व को मापने के यन्त्रों के बारे में बताया। वर्तमान जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष में जलवायु अनुकूलित कृषि में मौसम पूर्वानुमान का कृषि उत्पादन मे महत्वपूर्ण योगदान है। किसान मौसम पूर्वानुमान आधारित कृषि अपना कर मौसम के प्रतिकुल प्रभावों से कृषि में होने वाली हानियों से बचाव कर सकते है।
उप निदेशक अनुसन्धान डॉ. एस. के. शर्मा ने शुष्क खेती मे मौसम के योगदान एवं कृषि सलाह को प्रभावी ढंग से प्रयोग में लाने हेत विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओ. पी. गिल, अधिष्ठाता डॉ. एस. आर. मालू, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आई. जे. माथुर एवं विभागाध्यक्ष सस्य विज्ञान डॉ. गणपत सिंह चौहान ने प्रतिभागियों को वर्षामापी यन्त्र प्रदान किये।