udaipur. प्रत्येक त्यौहार वर्ष में एक बार ही आता है लेकिन वह हमारी जिन्दगी को संवारने के लिए बहुत कुछ शिक्षा दे जाता है। हमें प्रत्येक त्यौहार में अपने व्यक्तित्च को निखारना चाहिये, चाहे रक्षा बन्धन का पर्व हो या होली, दीपावली या अन्य त्यौहार।
हम उस त्यौहार को रीति- रिवाज के अनुसार मनाने के लिए लग जाते हैं, लेकिन उसके उद्देश्य, लाभ व उसके महत्व को नहीं समझ पाते हैं और कई बार समझने से वंचित भी रह जाते हैं।
उक्त विचार सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में चातुर्मास के अवसर पर आयोजित प्रात:कालीन धर्मसभा में अध्यात्म योगी आचार्य सुकुमालनन्दी महाराज ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक त्यौहार सामाजिक, शारीरिक, आध्यात्मिक महत्व के होते हैं उसके महत्व का लाभ उठाने वाला व्यक्ति ही बुद्धिमान कहलाता है। जो उसका लाभ नहीं उठा पाता है उसके लिए वह त्यौहार मात्र एक दिन के लिए ही होकर रह जाता है।
इससे पूर्व छत्तीसगढ़ दुर्ग व अहमदाबाद से आये मेहमानों से दीप प्रज्वलन कर धर्मसभा का शुभारम्भ किया। पाद प्रक्षालन व अघ्र्य समर्पण का सौभाग्य ट्रस्ट के भंवरलाल मुण्डलिया सपरिवार को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर राखी सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। शुक्रवार को आदिनाथ भवन में धर्मसभा के दौरान सबसे बड़ी राखी आचार्य सुकुमालनन्दी को श्रद्धालुओं द्वारा भेंट की गई। पाश्र्वनाथ प्रश्नमंच प्रतियोगिता एबीसी और जैनिज्म की अंग्रेजी क्लास का परिणाम व पुरस्कार वितरित किये गये।