हर्षोल्लास से मना गणतंत्र दिवस
Udaipur. शहर की निजी संस्थाओं, स्कूलों, सरकारी स्कूलों में गणतंत्र दिवस शनिवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। ध्व्जारोहण के बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुई। स्कूलों में बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियां दी तो निजी संगठनों में श्रेष्ठ कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।
सिटी पैलेस स्थित महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल प्रांगण में मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर विजय मेहता ने ध्वजारोहण के पश्चात परेड का निरीक्षण किया। एनसीसी कैडेट्स तथा अन्य बच्चों ने अपने-अपने सदन का प्रतिनिधित्व करते हुए शिवांश भट्ट के नेतृत्व में मार्च किया। बच्चों ने वाद्य यंत्रों पर राग हंस ध्वनि प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि ने स्कूल बैंड की सराहना की।
कृषि विश्वविद्यालय : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर में कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने ध्वजारोहण किया। प्रो. गिल ने विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के एनसीसी व एनएसएस छात्रा-छात्राओं के मार्च पास्ट का निरीक्षण कर सलामी ली। उन्होंाने वर्ष भर में विश्वसविद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियों की जानकारी दी। विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने करने पर संचार मुद्रणालय की टीम व केवीके अंता-बांरा की टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने पर चयनित प्राध्यापकों व शैक्षणेत्तर कर्मचारियों व विद्यार्थियो को प्रशस्ती पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने देश भक्ति कविताएं व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं।
बुद्धा ग्रुप : आशापूर्णा बिल्डकॉम द्वारा संचालित बुद्धा ग्रुप ऑफ इंस्टीयट्यूशंस में ग्रुप डायरेक्टर डॉ. लोकेश भट्ट ने ध्ववजारोहण किया। । इसके पश्चात अतिथियों डॉ. लोकेश भट्ट, डायरेक्टर डॉ. अशोक जैन, श्रीमती जयश्री जैन ने मॉ शारदे का दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर समारोह का शुभारम्भ किया। संचालन बी.टेक मेकेनिकल तृतीय वर्ष के मानव जैन व आर्किटेक्चर प्रथम वर्ष की अदिति भार्गव ने किया। इसके अन्तर्गत छात्र-छात्राओं द्वारा देश भक्ति गीत, नृत्य, कविताएं व सन्दर्भगत विषय पर विचार व्यतक्तज किए। तत्पतश्चात व्याख्याताओं ने कार्यक्रम की मोहक प्रस्तुतियां दी जिसमें देशभक्ति गीत कृष्णकांत शर्मा ने प्रस्तुत किया। संयोजक डॉ. गरिमा सक्सेना ने अतिथियों व विद्यार्थियों का आभार जताया। कार्यक्रम में हेमन्त सालवी, देवेन्द्र सोलंकी व कुलदीप माथुर ने व्यवस्थापक के रूप में कार्य किया।