‘दोयम दर्जे का व्यवहार सहने वाले प्रतिपक्ष नेता मेवाड के स्वाभिमान को कायम रखें’
Udaipur. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सचिव दिनेश यादव ने कहा कि राज्य में सुराज की बात करने वाले नेता पहले अपनी पार्टी में तो सुराज ले आएं। पार्टी के वरिष्ठ दिग्गज नेता उनके साथ नहीं हैं। गुटबाजी चरम पर है और वे राज्य में सुराज लाने की बात कर रही हैं।
वे यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्हों ने संभाग में कांग्रेस संदेश यात्रा का कार्यक्रम जारी करते हुए कहा कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता ललित किशोर चतुर्वेदी, रामदास अग्रवाल, ओम माथुर, घनश्याम तिवाडी, हरिशंकर भाभडा़ जैसे दिग्गज गुटबाजी के कारण यात्रा का विरोध कर अपनी दूरियां बना रहे है। वसुन्धरा 4 वर्षों से राजस्थान की राजनैतिक परिदृश्य से गायब रही। प्रतिपक्ष नेता होते हुए वह विधानसभा में जनता की आवाज नहीं उठा सकी। अब सत्ता की लालसा में वे भेष बदल बदल कर जनता के बीच वोट मांगने के लिए पहुंच रही है। वसुन्धरा राजे की नीयत और नीति से राजस्थान की जनता भलीभांति परिचित है। जनता जानती है कि इनके हाथ में सत्ता देने पर निर्दोष गुर्जरों पर गोली चलाई जाएगी और साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाकर ललित मोदी जैसे व्यक्तियो के हाथ राजस्थान का सौदा करने का प्रयास करेगी।
यादव ने कटारिया पर निशाना साधते हुए कहा कि इस यात्रा के दौरान कटारिया के 36 वर्षों के राजनीतिक जीवन में जिस तरह से वसुन्धरा राजे द्वारा दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है, वह शर्मनाक है। 4 साल तक वसुन्धरा राजे तक खुलेआम विरोध करने वाले कटारिया अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते वसुन्धरा के साथ धक्के खाने को मजबूर हैं। उन्होंने कटारिया को कहा कि मेवाड़ के स्वाभिमान को कायम रखने के लिए कटारिया को स्वयं पार्टी से त्यागपत्र दे देना चाहिए। उन्होंने कटारिया से प्रश्न किया कि अपने 36 वर्षों के राजनीतिक जीवन में उदयपुर संभाग के लिए एक भी बड़ी परियोजना स्वीकृत कराई है तो खुले मंच पर आकर बताएं न कि कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को अपने नाम लिखें। 370 करोड़ की महत्वकांक्षी मोहनलाल सुखाडिया देवास द्वितीय जल परियोजना के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेवाड़ के नेताओं डॉ. सी.पी. जोशी, डॉ. गिरिजा व्यास की मांग पर बजट में स्वीकृति दी जबकि वसुन्धरा राजे ने अपने कार्यकाल में इस परियोजना में मात्र 20 करोड का प्रावधान किया था। कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना को पूरा कर उदयपुर की जनता को इसका फायदा दिलाया।
उन्होंने उदयपुर के लिए की गई महत्वपूर्ण फैसलों की भी जानकारी दी। उदयपुर में राजीव गांधी विश्वविद्यालय की स्थापना, आईआईएम की स्थापना, 370 करोड लागत की मोहनलाल सुखाडिया द्वितीय जल परियोजना पूरी, पिछोला एवं फतहसागर झील के लिए एनएलसीपी अन्तर्गत 125 करोड़ भारत सरकार से, उदयपुर बांसवाडा स्टेट हाइवे के सुदृढीकरण एवं डामरीकरण के लिए 100 करोड, जनजाति खेल एकेडमी की स्थापना 5 करोड़ की लागत से, परसाद में 40 करोड की लागत से देवेन्द्र एनीकट, माही नदी बांसवाडा़ से गुजरात बहकर जाने वाले पानी को रोककर उदयपुर राजसमन्द होते हुए भीलवाडा तक पहुंचाने हेतु सर्वे राशि की घोषणा। ये योजनायें लगभग 2 हजार करोड से अधिक की है। उदयपुर को नगर परिषद से नगर निगम, कोटडा़ में कर्मचारियों के लिए 5 करोड़ की लागत से आवासीय कोलोनी का कार्य आरम्भ करने की जानकारी दी। पत्रकार वार्ता में शहर जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाडिया, देहात कांग्रेस सचिव कमलसिंह चौधरी, युवा कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष अभिमन्युसिंह झाला, पूर्व प्रवक्ता कौशल नागदा, एनएसयूआई अध्यक्ष दीपक मेवाडा, किसान कांग्रेस महासचिव रमेशपुरी, सेवादल अध्यक्ष दयालाल चौधरी, गोपाल नागर, सेवादल ब्लॉक अध्यक्ष विष्णु पटेल, एनएसयूआई दिलीपसिंह सिसोदिया, विधानसभा उपाध्यक्ष मदन पण्डित, नटवर कुमावत आदि मौजूद थे।