राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा के उम्मीदवार का जनसंपर्क
Udaipur. उदयपुर शहर का विधानसभा चुनाव भाजपा-कांग्रेस एवं राजेश सिंघवी के बीच ना होकर अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई का, तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र बचाने की लड़ाई का, पूंजीपति वर्ग के खिलाफ मध्यम वर्ग एवं आम मेहनतकश वर्ग के हितों की रक्षा की लड़ाई का चुनाव है। राजेश सिंघवी मात्र एक व्यक्ति न होकर एक विचार है, जो न्याय, लोकतंत्र, आम लोगों के हितों की रक्षा करने के संघर्ष का प्रतीक है।
ये विचार वरिष्ठ अधिवक्ता सी. पी. शर्मा ने बार सभागार में राजेश सिंघवी के समर्थन में आयोजित अधिवक्ताओं की बैठक में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि मौजूदा चुनाव व्यक्ति केन्द्रित बनाए जा रहे हैं। एक तरफ भाजपा नेहरू खानदान की तानाशाही व वंशवाद की बात करती है, वहीं भाजपा स्वयं नरेन्द्र मोदी को व्यक्तिगत रूप से इस तरह प्रचारित कर रही है कि वह अकेला ही देश की छवि बदल देगा। जबकि देश के हालात व्यक्तियों को बदलने से नहीं, नीतियों को बदलने से बेहतर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में राहुल गांधी व नरेन्द्र मोदी का नाम प्रचारित कर आम जनता व युवाओं में सपने दिखा मृगतृष्णा पैदा की जा रही हैं, लेकिन हमने देखा है कि हमेशा की तरह आम जनता व युवाओं की भावना का शोषण कर अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति की जा रही है। इस साजिश को भी हमें समझना चाहिए।
सभा को सम्बोधित करते हुए जंगल जमीन जन आंदोलन के संयोजक वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश नन्दवाना ने कहा कि मौजूदा दौर में राजनीति को व्यक्ति केन्द्रित किया जा रहा है, यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने एक कहानी को उदृत करते हुए कहा कि एक व्यक्ति पहाड़ खोद कर रास्ता निकालने का प्रयास करता है तो प्रारम्भ में उसे नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन समय के साथ साथ उस पहाड़ को खोदने के लिए कारवां जुड़ जाता है और उस पहाड़ से भी रास्ता निकाल लिया जाता है और यही दिशा राजेश सिंघवी उदयपुर शहर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बन कर आम जनता को दे रहे हैं।
सभा को सम्बोधित करते हुए अधिवक्ता अरूण व्यास ने कहा कि कई नेता राजनैतिक दलों में मठाधीश बने बैठें है जो अपनी बढ़ती मनोकामनाएं पूरी करने के लिए हर बार चुनाव में उम्मीदवार बनते हैं, जो इन राजनैतिक दलों की व्यवस्था के लिए भी खतरा है। ऐसे में किसी भी उम्मीदवार के लिए किसी एक पद पर दो या तीन बार चुनाव लडऩे की अधिकतम सीमा भी तय करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस के नेता जनता की सेवा करने के लिए चुनाव लडऩे का ऐलान करते हैं, क्या बिना पद पर रहे जनता की सेवा नहीं की जा सकती है? अधिवक्ता सत्येन्द्र पाल सिंह छाबड़ा ने कहा कि हम अपने जीवन की शुरूआत व जवानी में अपराधी वारदातों से जुड़े हुए थे, लेकिन माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने हमारी ताकत को सही दिशा देकर जनता के हितों के लिए संघर्ष करने में लगाया, जिससे आज हमने संतुष्टीपूर्ण जीवन जीने के साथ अपने जीवन के संवारा है। उन्होंने कहा कि हमारा हर साथी राजेश सिंघवी बन कर इस चुनाव में भागीदारी करेगा।
सभा में बोलते हुए माकपा उम्मीदवार राजेश सिंघवी ने कहा कि वे पिछले एक माह से उदयपुर शहर के विभिन्न मोहल्लों में जाकर आम जनता एवं प्रत्येक वर्ग से समर्थन की अपील कर रहे हैं और उन्हें आम जनता के साथ साथ कांग्रेस भाजपा के कार्यकर्ताओं का भी समर्थन एवं सम्मान मिल रहा है और यह कहा जा रहा है कि इस बार कांग्रेस भाजपा के नेताओं को हम हमारे मोहल्लों में वोट के लिए घुसने नहीं देंगे, क्योंकि वे पांच साल में सिर्फ वोट मांगने आते हैं, उसके बाद उनके दर्शन ही नहीं होते हैं। सिंघवी ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण के इस कथन को उदृत करते हुए ’’सिंहासन खाली करो कि जनता आती है‘‘ कहा कि वे इस विचार को ही राजनीति का मूल मंत्र बना कर राजनैतिक सिद्धान्तों का पालन करेंगे। सभा को बार एसोसिएशन की वित्त सचिव स्वाति रॉबर्ट, बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव महेन्द्र नागदा, अधिवक्ता रागिनी शर्मा, अशोक सोनी, मन्नाराम डांगी, घनश्याम टेलर, श्यामलाल डांगी, प्रेमशंकर कुमावत, रामलाल जाट, कांतिलाल कोठारी, राजेन्द्र धाकड़, आनन्द बेदी, पराग अग्रवाल, हितैषी जैन, नीतू चौहान, पुष्पा सेन, आदि ने भी सम्बोधित करते हुए इस चुनाव को चुनौती मानते हुए हर तरह से राजेश सिंघवी को समर्थन करने के साथ विजयी बनाने का विश्वास दिलाया। संचालन गणेशलाल तेली ने किया।