सायंकालीन कक्षाओं में सीखें लेंग्वेज कोर्स जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वेविद्यालय के संघटक माणिक्येलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के अन्तर्गत संचालित सायंकालीन महाविद्यालय में नौकरी के कारण जिनकी पढ़ाई छूट गई हो जो दिन में काम करने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते वे अब नियमित स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर सकेंगे।
सायंकालीन महाविद्यालय के डीन डॉ. एल. आर. पटेल ने बताया कि संस्थापक पं. जनार्दनराय नागर ने श्रम से जुड़े लोगों की शिक्षा के उद्देश्ये से श्रमजीवी महाविद्यालय की स्थापना की थी जो लोग राजकीय सेवा व अन्य संस्थानों में कार्यरत थे उनको दिन में समय नहीं मिलता और पढ़ाई बीच में ही छोड़ इसे शिक्षा से जोड़ने के लिए 1937 में पं. नागर ने श्रमजीवी महाविद्यालय की स्थापना की और उसी को अग्रसर करते हुए उनमें आज के परिप्रेक्ष्य में नए पाठ्यक्रम जोड़े गए। सायंकालीन कक्षाओं का समय सायं 5 से रात्रि 8 बजे तक रहेगा।
ये होंगे पाठ्यक्रम : प्रभारी डॉ. पॉयस जॉन ने बताया कि श्रमजीवी महाविद्यालय के अन्तर्गत संचालित सायंकालीन महाविद्यालय में नये पाठ्यक्रम चलाने की स्वीकृति दी गई जिसमें अन्तर्गत पीजी डिप्लोमा इन लेबर लॉ, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेन्स एण्ड काउंसलिंग, सर्टिफिकेट कोर्स इन लेंग्वेज (जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश), एमए साइकोलॉजी, बीजेएमसी कोर्स के नये पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।