उदयपुर। श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि महाराज ने कहा कि रक्षा बंधन पर्व भाई-बहिन के बीच करूणा, दया व प्रेम के प्रतीक के साथ-साथ मानवता का भी प्रतीक है। वे पंचायती नोहरे में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यदि यह पर्व मानवता के रूप में भी इसलिए याद किया जाता है कि चित्तौड़ की महारानी कर्मवती ने चित्तौड़ की रक्षा करने के लिए बादशाह हुमांयू को राखी भेजी थी लेकिन हुमायु के चित्तौड़ पहुंचने से पूर्व ही चित्तौड़ का पतन हो गया था।
उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन पर्व के नाम मात्र में करूणा एवं दया की भावना छिपी हुई है। रक्षा जैसे पर्व महान धार्मिक शब्द के साथ यह पर्व प्रारम्भ होता है। ऐसा नामकरण किसी अन्य पर्व में देखने को नहीं मिलता है। बहिन द्वारा भाई के हाथ में धागा लगाना इस बात का का प्रतीक है कि बलवान व्यक्ति निर्बल की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। निर्बल की रक्षा करना न केवल मानवीय वरन् सामाजिक एवं राष्ट्रीय कर्तव्य के रूप में भी देखा जाना चाहिये। संचालन वीरेन्द्र डांगी व हिम्मत बड़ाला ने किया।