अधिवक्ताओं ने बनाई मानव श्रृंखला
आवास को लेकर यूआईटी पर महापड़ाव
अम्बामाता थाने में मामला दर्ज
उदयपुर। सरकार आपके द्वार है, इसके बावजूद मंगलवार का दिन प्रदर्शन, घेराव से भरपूर रहा। अधिवक्ताओं ने जहां हाईकोर्ट खण्डपीठ की मांग को लेकर कोर्ट चौराहे पर मानव शृंखला बनाई वहीं आवास की मांग को लेकर आवास अधिकार मंच के बैनर तले यूआईटी पर महापड़ाव हुआ। शाम को अम्बा माता थाने में महापड़ाव डालने वालों के खिलाफ रास्ताप रोकने, आमजन को परेशान करने को लेकर मामला दर्ज हुआ।
वकीलों का धरना : उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापित करने की मांग को लेकर बार एसोसिएशन एवं मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के तत्वावधान में जारी आंदोलन के तहत अधिवक्ताओं ने मंगलवार को भी न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं के साथ स्टाम्प वेण्डर्स, टाइपिस्ट, फोटो स्टेट व्यवसायी, नोटेरी अधिवक्ताओं ने भी कारोबार बंद रखा। अधिवक्ताओं ने कोर्ट के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर धरना दिया। बाद में सभी अधिवक्ताओं ने कोर्ट चौराहे पर ही मानव शृंखला बनाकर अधिवक्ता एकता जिंदाबाद का नारा लगाते हुए आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। बार अध्यक्ष भारत जोशी ने बताया कि 21 अगस्त को कोर्ट के बाहर धरना एवं देशभक्ति गीतों का आयोजन होगा। 22 अगस्त को सामूहिक भूख हड़ताल, 23 अगस्त को दोपहर में धरना और शाम को शहर के बाजारों में मशाल जुलूस। 24 अगस्त को फतहसागर पाल पर धरना देकर हाईकोर्ट बैंच की उपयोगिता बताएंगे।
यूआईटी पर महापड़ाव : यूआईटी के बाहर आवासहीन परिवारों को रियायती दर व अनुदान पर आवास अथवा भूखण्ड दिलाने और उदयपुर की सभी कच्ची बस्तियों का नियमन कर कच्ची बस्तियों में निवासरत परिवारों को उनके मकान के पट्टे दिलाने की मांग को लेकर आवास अधिकार संघर्ष मंच एवं कच्ची बस्ती फैडरेशन के बैनर तले महापड़ाव डाला। इससे पहले टाउनहॉल से रैली निकाली गई और शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए यूआईटी पहुंचे। मंच के महासचिव पार्षद राजेश सिंघवी ने बताया कि 3 अप्रेल को हजारों लोगों ने जिला कलक्टर को उदयपुर के आवासहीन 16298 परिवारों की सूची सौंपकर आवास या भूखण्ड उपलब्ध कराने की मांग की थी जिस पर जिला कलक्टर ने सूची का सर्वे करवा कर राज्य सरकार से वार्ता का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक उस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। उधर दोपहर एक से शाम 5 बजे तक यूआईटी के सामने लोक मार्ग को अवरुद्धक रने, यूआईटी के गेट बंद करने आदि को लेकर मेघराज तावड़, आरके सिद्दीकी, गुमानसिंह राव, एडवोकेट राजेश सिघंवी, बंशीलाल, मुनवर खां, मोहनलाल खोखावत, हमेरसिंह, वजीर बेग, गणपति देवी, राधा, रमेशचन्द्र खटीक व अन्य के खिलाफ ड्यूटी पर तैनात एएसआई शम्भूनाथ की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया।