प्रताप गौरव केन्द्र को तीन करोड़ देने की अनुशंसा, अखिल भारतीय संस्कृरति संस्थान और बाप्पाा रावल जागृति संस्थामन को रियायती दर पर भू आवंटन की अनुशंसा, कांग्रेस पार्षद ने बात नहीं सुनने पर माइक फेंका
उदयपुर। नगर निगम के इस बोर्ड की अंतिम बैठक हंगामेदार रही। विपक्षी पार्षदों के आरोपों का सत्ता पक्ष जब कोई जवाब नहीं दे पाया तो बैठक को जबरन आगे बढ़ाया जाता रहा। कांग्रेस पार्षद क्षिप्रा उपाध्याय की बात नहीं सुनने पर उन्होंदने मंच पर चढ़कर माइक पटक दिया लेकिन महापौर ने तब तक राष्ट्र्गान शुरू कर दिया और बैठक उसके बाद समाप्त हो गई।
उल्लेाखनीय है कि इस बोर्ड की यह अंतिम बैठक थी जिसमें पार्टी विशेष की विचारधारा समर्थित संस्था ओं को अनुदान देने तथा जमीन आवंटन सम्बन्धी प्रस्तावों पर चर्चा हुई। अखिल भारतीय संस्कृंति समिति एवं बाप्पा रावल जागृति संस्थामन को रियायती दर पर शहर में जमीन देने की अनुशंसा सरकार को भेजने का प्रस्ताव लिया गया वहीं कांग्रेस प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यूआईटी या राज्य सरकार अपने स्तर पर इन्हें जमीन दे तो कोई ऐतराज नहीं लेकिन निगम के पास जमीनें है नहीं, और अगर जो थोड़ी बहुत है तो उनका उपयोग आमजन के लिए किया जाए। इस पर महापौर रजनी डांगी एवं पारस सिंघवी ने कहा कि यहां जनजाति छात्राओं के लिए छात्रावास बनाया जाएगा। श्रीमाली के विरोध पर भाजपा पार्षद विजय आहूजा ने कहा कि श्रीमाली छात्रावास बनाने का विरोध कर रहे हैं। इसे प्रोसीडिंग में लिया जाए। इस पर श्रीमाली भड़क उठे और आहूजा से बहस हो गई।
इससे पहले संशोधित बजट के मुद्दे पर कांग्रेस पार्षद मनीष श्रीमाली ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि क्याि संशोधित बजट को वित्त समिति से अनुमोदित कराया गया है। इस पर वित्तह समिति अध्यंक्ष कविता मोदी लाजवाब हो गईं। महापौर डांगी ने उनका बचाव करते हुए कहा कि समिति से बड़ा बोर्ड है। बोर्ड इसीलिए आज यहां संशोधित बजट का अनुमोदन करने बैठा है। श्रीमाली ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि बिना वित्त समिति के अनुमोदन किए संशोधित बजट बोर्ड बैठक में रखा जाए। उधर रेहाना जर्मनवाला ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वित्त समिति अध्यवक्ष को 10 माह में समिति की एक भी बैठक बुलाने का औचित्यक नहीं समझ आया कि बैठक बुलाकर इसका अनुमोदन करवा ले। इस पर कविता मोदी ने कहा कि समयाभाव के कारण बैठक नहीं बुलाई जा सकी। पूरी बोर्ड बैठक में कई बार स्वाेस्य्या समिति अध्यजक्ष पारस सिंघवी बचाव करते दिखे।
राजीव गांधी जनजाति विश्वविद्यालय के स्थायी कैम्प्स के लिए एक करोड़ रुपए देने की अनुशंसा का प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही प्रताप गौरव केन्द्र को भी एक करोड़ देने की अनुशंसा का प्रस्ताव रखते ही काफी विरोध हुआ। नेता प्रतिपक्ष दिनेश श्रीमाली ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में किसी भी संस्था को क्यों नहीं कोई राशि दी गई। इस पर पारस सिंघवी ने कहा कि महाराणा प्रताप के नाम को शर्मिंदा न करें और उनके नाम पर बनने वाले ऐतिहासिक पर्यटक स्थाल के विकास में सहयोग करें। भवन निर्माण अनुमति समिति अध्यक्ष किरण जैन ने दो सौ करोड़ रुपए के बजट के इस केन्द्र के लिए एक करोउ़ को कम बताते हुए दो और फिर तीन करोड़ रुपए देने की अनुशंसा का प्रस्ता्व रखा। इस पर श्रीमाली ने एक करोड़ के बजाय पांच करोड़ रुपए देने का प्रस्ता्व रख दिया। इस पर तीन करोड़ रुपए की अनुशंसा का प्रस्ताव पारित किया गया। पार्षद मोहम्मद अयूब भी आज कड़ी मुद्रा में रहे और उन्होंने भी काफी विरोध किया लेकिन विरोध उनका चल नहीं पाया। वे बार बार सिंघवी को यह भी कहते रहे कि अगले महापौर की लाइन में आपका नाम है। इसका मतलब ये नहीं कि आप कुछ भी करवा लो।
पार्षद नफीसा, रेहाना जर्मनवाला और मुस्लिम अली बंदूकवाला ने तैयाबिया स्कूल के बाहर गंदगी को लेकर काफी रोष जताया और स्पाष्टीवकरण मांगा लेकिन काफी देर तक टालमटोल करने के बाद सभी कांग्रेस पार्षद वैल में आ गए। इस पर पारस सिंघवी ने कहा कि तीनों पार्षद सुबह मौके पर मिलें तो वे निगम की टीम भेज देंगे और सफाई करवा देंगे लेकिन सफाई करवा देंगे तो वहां मौके पर अतिक्रमण हटवाने की जिद न करें। उपमहापौर महेन्द्र सिंह शेखावत ने तैयाबिया स्कूल के बाहर खडे़ रहने वाले लॉरीचालकों के समर्थन में कहा कि बेचारे गरीब अगर दो जून की रोटी के लिए कुछ कर रहे हैं तो कमाने दें। इस पर तीनों पार्षदों ने जोरदार विरोध करते हुए कहा कि लॉरी चालकों को क्योंं न निगम परिसर में जगह दे दी जाए। बैठक के आरंभ में महापौर रजनी डांगी ने अपने कार्यकाल को संतोषप्रद बताते हुए जनहित के कार्यों में बोर्ड की भागीदारी की बात कही। पार्षदों का आभार जताया।