उदयपुर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमेन प्रो. बी.एल. चौधरी ने कहा कि नवाचारों से ही प्रगति की राह प्रशस्त होती है। नवाचारों के लिए किसी विशेष क्षमता व प्रतिभा की आवश्यकता नहीं होती, वरन सतत् प्रयत्नशील रहने से ही नवाचार की प्रक्रिया को नई दिशा मिलती है।
उक्त कथन ऐश्वर्या कॉलेज ऑफ एज्यूकेशन संस्थान के तत्वावधान में आयोजित नवाचार और प्रौद्योगिकीय परिर्वतन के प्रबंधन पर एक वैश्विक परिदृष्य विषयक अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कहें। इस सेमीनार में देशभर से 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया तथा तीन तकनीकी सत्रों में 110 से अधिक शोधपत्रों का वाचन किया।
सेमीनार आयोजनकत्र्ता डॉ. अर्चना गोलवलकर ने बताया कि समापन समारोह के सम्मानित अतिथि कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष प्रो. आर. पी. सोनी, विशिष्ठ अतिथि सिक्योर मीटर लि. के जनरल मैनेजर डॉ. राजीव शेखावत तथा समापन समारोह के मुख्य वक्ता मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडी के निदेशक व अध्यक्ष प्रो. करूनेश सक्सेना थे। इस अवसर पर प्रो. सक्सेना ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत जैसे विकासषील राष्ट्र के लिए प्रत्येक क्षेत्र में नवाचार को गति प्रदान करने के लिए नवाचार की महती आवश्यकता है। विशेष कर विद्यार्थियों में तो प्रारम्भ से ही सृजनशीलता, रचनात्मकता व उत्सुकता को बढावा देना चाहिए ,जिससे बालक नवाचार की ओर उन्मुख हो सके।