उदयपुर. संभाग में ’एंडोलूप’ द्वारा आंत से बड़ी गठान निकालने की पहल गीतांजली हाॅस्पीटल के गेस्ट्रोएंटेरोलोजिस्ट डाॅ आशीष मेहता व उनकी टीम ने की। कोलोनोस्कोपी द्वारा आमतौर पर छोटी गठान निकालने की सुविधा काफी अस्पतालों में उपलब्ध है लेकिन बड़ी गठान को निकालने के लिए एकमात्र आॅपरेशन ही किया जाता था लेकिन अब इस तरह की गठानों को एंडोेलूप की सहायता से निकाला जा सकता है।
डाॅ मेहता ने बताया कि चित्तौड़ निवासी 43 वर्षीय महिला दो महीने से पेट दर्द, भूख ना लगना से परेशान थी और गीतांजली में भर्ती के पूर्व करवाई जांचों में खुन की कमी एवं सी.टी स्केन में पेट में गठान पाई गई। इसके चलते 7 जनवरी को उनको गीतांजली हाॅस्पीटल में भर्ती किया गया जहां अगले दिन चले 45 मिनट के आॅपरेशन के दौरान डाॅ मेहता ने कोलोनोस्कोपी जांच (दूरबीन द्वारा बड़ी आंत की जांच) की जिसमें बड़ी आंत में एक बड़ा पोलिप (आंत में गठान) तथा आंत में आंत का फंसा होना पाया गया। जिसे पहले एक एंडोलूप (नायलोन का धागा जो गठान के नीचे बांाधा गया) लगाया गया ताकि खून का रिसाव कम हो और फिर इसे काटकर हटाया गया। आंत में कैंसर की गांठ से आई रूकावट ठीक होने से अब वे स्वस्थ हंै और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि यदि कोलोनोस्कोपी द्वारा गांठ नही निकाली जाती तो बड़ा आॅपरेशन करना पड़ता और क्योंकि ये गांठ कैंसर की थी इसलिए पहले ही इसका सफल उपचार हो गया ताकि भविष्य में यह ज्यादा न बढ़े। डाॅ. मेहता ने बताया कि इस विधि से गठान निकाले से रोगी को कई लाभ होते हैं। जिसमें रक्त स्त्राव न के बराबर होता है, बड़े आॅपरेशन की वजह से पेट में होने वाले घाव तथा उसके निशान से रोगी मुक्त हो जाता है और अस्पताल में मात्र एक दिन ही भर्ती रहना पड़ता है।