पछमता उत्खनन क्षेत्र का दौरा
उदयपुर। पछमता एक ताम्रपाषाणकालीन का पुरास्थल है जहां एक माह से राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय एवं केनेसा स्टेट विवि अमरीका और डेकन कॉलेज पुणे के साझे में चल रहे उत्खवनन कार्य में चित्रित काले, लाल रंग के मृद भांड के अलावा टेराकोटा के मनके के अवशेष मिल रहे है।
उत्खनन कर रहे डॉ. ललित पाण्डेय, डॉ. टेरेसा जेक, डॉ. प्रबोध ने बताया कि यहां शंख से निर्मित कंगन के अवशेष, टेराकोटा के मनके तथा बेल की लघु आकृतियां भी मिली है। इसके साथ यहां पर साढे सात मीटर की एक लम्बी दीवार भी मिली है जो मिट्टी की ईंटों की बनी है तथा एक कोठी भी मिली है जिसमें अनाज संग्रह किया जाता था तथा कोठी के अंदर चुने का लेप किया गया है ताकि अनाज कीड़ों से बचा रहे। गुरुवार को कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत एवं रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने विद्यापीठ द्वारा पछमता में कराये जा रहे उत्खन्न कार्य का निरीक्षण किया और संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यहां से निकलने वाली हर वस्तु का बारीकी से निरीक्षण किया जायेगा तथा इसकी विस्तृत रिपोर्ट, फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी करवा सुरक्षित रखी जाएगी।