कुलपति ने कहा, लागू करेंगे जल्द
उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ऐक्रीडेशन हेतु आईसीऐआर, नई दिल्ली से आई उच्च स्तरीय मूल्यांकन कमेटी (पीआरटी टीम) के सदस्यों चेयरमैन डॉ. के. नारायण गोड़ा व मेम्बर डॉ. हिम्मतसिंह नैनावटी ने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन कुलपति सचिवालय मे आयोजित सीनियर ऑफिसर्स की बैठक में विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय सघन अवलोकन की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की एवं आवश्यक सुझाव दिये।
कुलपति प्रो. ओपी गिल ने पीआरटी के तीन दिवसीय थका देने वाले दौरे व अवलोकन के पश्चात दिये आवश्यक सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि इन सुझावों को शीघ्र अमल में लाया जाएगा जिससे विश्वविद्यालय की शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार कार्यक्रम में और अधिक उन्नति एवं गति लाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस कमेटी द्वारा की जाने वाली सिफारिशों के आधार पर विश्वविद्यालय को पांच वर्षों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मान्यता मिलेगी। प्रो. गिल ने बताया कि हमारा विश्वविद्यालय 2008 से उन चुनिन्दा विश्वविद्यालयों में शुमार रहा है जिन्हें आईसीएआर से पांच वर्ष के लिए एक्रीडेशन मिला था।
एक्रीडेशन टीम के चेयरमेन डॉ. के. नारायणा गौड़ा ने विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय दौरे में देखे गए सभी आयामों की बारीकी से व्याख्या करते हुए अपने अवलोकन बिन्दुओं एवं सुझावों को सदन के पटल पर रखा। विश्वविद्यालय को बढ़ते हुए छात्र-छात्राओं के अनुपात में और कन्या छात्रावासों की जरूरत है। उन्होंने डेयरी, इंजीनियरिंग व कृषि में विद्यार्थियों के प्लेसमेंट, विश्वविद्यालय की श्रेष्ठ खेलकूद सुविधाओं, मक्का, ग्वार, मूंगफली, गेहूँ, फल, फूलों, फार्म मशीनरी, नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों, गृह विज्ञान इत्यादि पर संचालित राष्ट्रीय स्तर की समन्वित शोध परियोजनाओं व प्रसार शिक्षा निदेशालय के अन्तर्गत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में किए गए श्रेष्ठ प्रसार कार्यों की तहेदिल से प्रशंसा की। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा जनित नवोन्मेषी तकनीकों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए व्यवसायीकरण की महत्ती आवश्कता जतायी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के बायो-कंट्रोल, बायो-पेस्टीसाईड, बायो-फर्टिलाइजर, इंजीनियरिंग, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण इत्यादि के व्यवसायीकरण हेतु विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एमबीए विद्यार्थियों को विशेष कार्य योजना के रूप में असाइनमेंट दिया जाना चाहिए। इससे विश्वविद्यालय की आय में वृद्धि के साथ-साथ विद्यार्थियों के केरियर निर्माण एवं विश्वविद्यालय की बेहतर छवि बनेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए माननीय कुलपति प्रो. ओ.पी. गिल के नेतृत्व की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने विश्वविद्यालय ऐक्रीडेशन के संयोजक ड़ॉ. एस. आर मालू व ओएसड़ी ड़ॉ. के.ऐ. वर्गीस के द्वारा किए गए अथक प्रयासों एवं सेल्फ स्टडी रिपोर्ट में दिए गए उनके योगदान की प्रशंसा भी की।
बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव एसएन लाठी, वित्त नियंत्रक डीएन पुरोहित सहित सभी निदेशक एवं अधिष्ठाता उपस्थित थे। संचालन परीक्षा नियंत्रक डॉ. वीरेन्द्र नेपालिया ने किया। एक्रीडेशन समन्वयक डॉ. एसआर मालू ने धन्यवाद दिया। टीम ने गुरूवार को बैठक से पूर्व सीटीएई, प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग निदेशालय, भू-सम्पत्ति अधिकारी कार्यालय इत्यादि का निरीक्षण भी किया।