डायबिटीज जांच एवं एसिडीटी निवारण शिविर में उमड़ी भीड़
उदयपुर। राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय सिन्धी बाजार फूटा दरवाजा, उदयपुर पर एक दिवसीय अम्लपित्त (एसिडीटी) निवारण व डायबिटीज जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का विधिवत उद्घाटन उपनिदेशक आयुर्वेद डॉ. मनोहरलाल धाकड़ ने भगवान धन्वन्तरि के दीप प्रज्जवलन करके किया।
आयुर्वेद चिकित्साधिकारी विद्यावारिधि वैद्य (डॉ.) षोभालाल औदीच्य ने बताया कि अत्यधिक खटाई, मसाले एवं समय पर भोजन नही करने से एसीडिटी रोग हो जाता है अतः दिनचर्या ऋतुचर्या का पालन कर व तनाव रहित जिन्दगी जीकर लाईफ स्टाईल बीमारियों से बचा जा सकता है साथ ही आरामतलब एवं आलस्यपूर्ण जीवन शैली के परिणाम स्वरूप आज अत्यधिक बच्चो, जवानों, प्रौढ स्त्री पुरूषों में डायबिटीज का रोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है। यह रोग पाचन संस्थान संबंधी दोश के कारण होता है तथा मस्तिश्क से अधिक काम लेने से भी अक्सर यह रोग हो जाता है। आयुर्वेद में वर्णित खानपान में परिवर्तन लाकर मधुमेह पर काबू पाया जा सकता है तथा आयुर्वेद में बतायी दिनचर्या, ऋतुचर्या का पालन कर एवं अपने खान-पान में आंवला, हल्दी, करेला, जामुन की गुठली, विजयासार, मैथी, गुड़मार, दारू हल्दी, बेहड़ा, हरड़, देवदारू आदि का प्रयोग कर डायबिटीज रोग से बचा जा सकता है। साथ ही आलू, चावल, दही, मिठाई, ज्यूस से परहेज करना चाहिए। डायबिटीज से बचने के उपायो के बारे में पेम्पलेट भी वितरित किये गये। शिविर में औषधालय के डॉ. राजीव भट्ट, डॉ. विष्णु बंशीवाल, नर्स रूकमणी कलासुआ, रूकमणी परमार, कम्पाउण्डर अमृतलाल, नर्स इन्दिरा डामोर, रामसिंह ठाकुर, गजेन्द्र आमेटा आदि ने अपनी सेवाएं प्रदान की।