तेरापंथी सभा की ओर से महाप्रज्ञ विहार में हुआ व्याख्यान
उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के इस वर्ष उदयपुर में चातुर्मास करने वाले शासन श्री मुनि राकेश कुमार ने कहा कि आज के पारिवारिक रिश्तों में दरार आने लगी है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण है कि युवाओं का ध्यान अपना आईक्यू अच्छा करने में रहता है लेकिन आज के युग में आई क्यू के साथ ईक्यू और एसक्यू भी जरूरी है।
वे रविवार को महाप्रज्ञ विहार में टूटते पारिवारिक रिश्ते, कारण एवं विचार विषयक आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। आईक्यू (बौद्धिक) के साथ ईक्यू (भावनात्मक) और एसक्यू (आध्यात्मिक) क्षमता भी आवश्यक है। यही नहीं योग्यता के साथ विनय भी बहुत जरूरी है। अगर रिष्तों में माधुर्य रखना है तो अधिकारों का विकेन्द्रीकरण जरूरी भी हो सकता है। योग्यता का मूल्यांकन अवष्य रूप से हो लेकिन योग्य व्यक्ति को भी अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। चिंता नहीं बल्कि चिंतन करें। व्यथा नहीं, व्यवस्था करें और प्रषंसा नहीं प्रान्नुति की ओर ध्यान दें।
इससे पूर्व मुनि दीप कुमार ने कहा कि मुखिया यदि शांत और सहिष्णु है तो परिवार एक डोर में रह सकता है लेकिन यदि मुखिया क्रोधी है तो बिखराव में देर नहीं लगती। सहना सीखें, रहना सीखें और मौके पर कहना सीखें। क्रोध को शांत रखने की चाबी लम्बी श्वास लेना है।
मुनि सुधाकर ने कहा कि सफलता का रहस्य प्रतिभा, योग्यता तो है ही लेकिन साथ ही परिवार का सहयोग भी आवष्यक है। परिवार वह होता है जहां सुबह होली और शाम को दीपावली होती है। पारिवारिक शांति के सूत्रों में संयुक्त परिवार की अवधारणा, आध्यात्मिक चेतना को जगाना, पांच टी ट्रस्ट, टाइम, थिंकिंग, थैंक्स और टॉकिंग का ध्यान रखना, कर्तव्य की चेतना को जगाना और परमार्थ की चेतना शामिल है।
सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि मुनि सुधाकर के संसारपक्षीय माता पिता श्रीमती एवं श्री जीवनसिंह बेदका का साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया। 18 व 19 जून को महाप्रज्ञ विहार में ही आवासीय संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन होगा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को महाप्रज्ञ विहार में सुबह 9.30 बजे विशेष आयोजन होगा जिसमें नानेश विद्यालय दातां के मुख्य योग एवं ध्यान प्रशिक्षक प्रो. सत्यनारायण शर्मा शिरकत करेंगे। कार्यक्रम का संचालन सभा के मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने किया।