उदयपुर। “पारिवारिक व्यवसायों की प्रगति के लिये आवश्यक है कि आने वाली पीढ़ी को दिया जाने वाला मार्गदर्शन कठोर एवं सही हो और यह मार्गदर्शन खुद नहीं, बल्कि किसी अन्य के नियंत्रण व अधिकार क्षेत्र में प्रदान किया जाये।”
यह बात प्रबंधविद् जेएम राधाकृष्ण ने शुक्रवार को यहां उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के अरावली सभागार में आयोजित कार्यशाला में कही। ‘एक्सीलेन्स इन फैमिली बिजनेस’ विषयक कार्यशाला में उन्होंने कहा कि औद्योगिक घरानों के मालिकों को चाहिए कि वे अपने व्यवसाय का प्रबन्ध अगली पीढ़ी के हाथों में सौंपने से पहले उसे कठिन प्रशिक्षण देकर इस काबिल बनाएं कि वह इस दायित्व का सफलतापूर्वक वहन कर सके। आज घरेलू एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की भरमार के इस दौर में यह जरूरी है कि कम्पनी के प्रबन्धन के लिये पूर्णतः पेशेवर प्रबन्धक नियुक्त किये जाये, तभी व्यावसायिक स्पर्धा में सफलतापूर्वक मुकाबला किया जा सकेगा।
राधाकृष्ण ने बताया कि कोई भी व्यक्ति पारिवारिक व्यवसाय में आरंभ से ही प्रबंधक नहीं बन सकता। उसे धीरे धीरे व्यवसाय के प्रबंधन के गुर सीखने पड़ते है। यह कार्य मैनेजमेन्ट की डिग्री लेकर नहीं बल्कि प्रायोगिक अनुभवों के माध्यम से सीखा जाता है। उन्होंने कहा कि व्यवसाय सुचारू रूप से चले, इसके लिये आवश्यक है कि नई पीढ़ी को उद्यमशीलता एवं समय का महत्व समझाया जाये तथा व्यवसाय के दौरान संपर्क में आने वाले लोगो को समझने एवं तद्नुसार निर्णय लेने की क्षमता विकसित की जाये। जेडडीएच/सीक्वा के कन्ट्री डायरेक्टर अरूणाचलम कार्तिकेयन ने प्रोजेक्ट गतिविधियों की जानकारी दी। संचालन मानद महासचिव जतिन नागौरी ने किया।