उदयपुर। राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से 14 से 20 नवंबर तक बाल अधिकार सप्ताह मनाया जाएगा। आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने प्रेस को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि सप्ताह के सात दिन इंद्रधनुष के सात रंगों से भरे हुए हैं। हर दिन अलग विशय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ये सभी बच्चे बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों से संबंधित होंगे। इन कार्यक्रमों के जरिए बच्चों के साथ-साथ आम लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता लाने के प्रयास किए जाएंगे।
मनन चतुर्वेदी ने बताया कि इस तरह के आयोजन कोई एक संस्था या एक मषीनरी नहीं कर सकती है, इसके लिए इस क्षेत्र में कार्य कर रही सभी संस्थाओं को एक मंच पर आकर काम करना चाहिए। इसी उद््देष्य को पूरा करने के लिए बाल अधिकार सप्ताह में अनेक संस्थाओं ने सहयोग का हाथ बढ़ाया है, जिसके बलबूते हम अपने उद््देष्य को जरूर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी बच्चों का सीधा संपर्क रहता है, वहां बाल अधिकारों के लिए कार्य करना बेहद जरूरी है। चाहे स्कूल हो या फिर ग्राम पंचायत। राज्य के हर बच्चे को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। बच्चों के लिए यह दुनिया कितनी खूबसूरत है और कितनी कश्टदायी, इसे समझने की जरूरत है। यह समझेंगे, तभी उनके मुताबिक व्यवस्थाएं जुटा पाएंगे। बच्चों के प्रति हर विभाग को संवेदनषील होना जरूरी हो गया है। उन्होंने जानकारी दी कि आयोग द्वारा कोषिष की जा रही है कि हर स्कूल में चाइल्ड राइट््स क्लब बने, जहां बच्चा अपनी परेषानी बता सके और उन्हें उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने बताया कि इन सात दिनों में कोषिष की जाएगी कि पंचायतों में भी बाल संरक्षण के लिए समितियां गठित हो जाए। साथ ही यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि इस तरह के आयोजन इन्हीं सात दिनों में किए जाएंगे, यह प्रक्रिया और कोषिष आगे भी अनवरत जारी रहेगी।