वैश्विक बदलाव पर मंथन को जुटे शोधार्थी व विशेषज्ञ
उदयपुर। भारत को यदि विश्व अर्थव्यवस्था में अग्रणी स्थान प्राप्त करना है तो उसे तेजी से बदलते हुए वैश्विक परिदृश्यर का पूर्वानुमान करके तदनुसार अपनी नीतियों में परिवर्तन करना होगा। बदलाव की दर इतनी तेज है उसके साथ कदम मिलाने के लिए शिक्षा जगत, शोध-जगत एवं उद्योग जगत को सदैव सतर्क रहते हुए नवाचार करते रहना होगा।
यह बात पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट डॉ. बीपी शर्मा ने पेसिफिक विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री के अध्यक्ष हंसराज चौधरी, विशिष्ट अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के कुलपति प्रो. राकेश कोठारी, पण्डित दीन दयाल उपाध्याय शेखावटी विश्वविद्यालय, सीकर के कुलपति प्रो. बीएल शर्मा, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर के प्रोफेसर पीएन मिश्रा एवं इन्दिरा गांधी विश्वविद्यालय रेवाड़ी के कुलपति प्रो. एसपी बंसल भी उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि चेम्बर अध्यक्ष हंसराज चैधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि उदयपुर का उद्योग जगत सदा नवाचार में अग्रणी रहा है। उन्होंने ऐसे सामयिक आयोजन के लिए पेसिफिक विश्वविद्यालय को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मंथन से शिक्षा जगत जो भी नया मार्ग दिखाएगा, उदयपुर के उद्योगपति तदुपरांत से उस मार्ग पर चल कर भारत की प्रगति में अपनी भूमिका के लिए प्रतिबद्ध है।
विशिष्ट अतिथि दीनदयाल उपाध्याय शेखावटी विश्वविद्यालय, सीकर के कुलपति प्रो. बी.एल. शर्मा ने अपने उद्बोधन में विशेषकर वैश्विक बदलाव के कारण सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डाला।
कॉन्फ्रेंस डायरेक्टर, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट डीन प्रो. महिमा बिरला ने स्वागत उद्बोधन में कान्फ्रेंस थीम मैपिंग ग्लोबल चेंजेज इन बिजनेस, इकोनोमी, सोसायटी एण्ड कल्चर के बारे में बताते हुए वैश्विक बदलाव के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि पेसिफिक विश्वविद्यालय समय-समय पर ज्वलन्त सामयिक विषयों पर गोष्ठियों व सम्मेलनों के आयोजन में सदा से ही अग्रणी रहा है। उसी श्रृंखला में विश्वविद्यालय द्वारा यह नवां अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। सम्मेलन में पहली बार शोध पत्रों का विदेशों से आॅन-लाइन प्रेजेन्टेशन भी हुआ।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. बी.पी. शर्मा ने एक समय में विश्व की अग्रणी केमरा एवं फिल्म निर्माता कंपनी कोडक एवं अन्य अनेक उदाहरणों से यह स्मरण दिलाया कि जो भी देश अथवा कंपनी बदलाव के साथ-साथ स्वयं को नहीं बदलेगा वो पिछड़ जाएगा। उन्होंने याद दिलाया कि किस प्रकार 17वीं सदी तक विश्व जी.डी.पी. में भारत को योगदान सर्वाधिक था। कालान्तर में यह प्रथम स्थान यूरोप, फिर अमेरिका और फिर चीन ने प्राप्त कर लिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा के उत्पादन की योजना बनाई। परन्तु उस योजना की आवश्यकतानुसार सौर पैनल एवं अन्य सामानों के उत्पादन की दिशा में कुछ नहीं किया, जिसके कारण, अरबों डालर के कारोबार का लाभ चीनी कम्पनियों को मिला। उन्होंने सभी का ध्यान इस ओर खींचा कि 2030 तक भारत में पूर्णतः इलेक्ट्रिक कारें चलाने की सरकार की योजना है। इसके लिए लाखों की संख्या में कार बेट्रियों की आवश्यकता होगी। परन्तु उनके उस स्तर पर उत्पादन की कोई तैयारी भारत नहीं कर पा रहा है। जबकि बेट्रियों में काम आने वाले तत्वों की खदानें जो लेटिन अमेरिकी में है, वहां चीन ने अभी से ही निवेश प्रारम्भ कर दिया है। इसीलिए विश्व के तेजी से बदलते आर्थिक परिदृष्य का अध्ययन एवं उसके अनुसार नीतियों में परिवर्तन समय की मांग है।
आयोजन सचिव डॉ. पल्लवी मेहता ने बताया कि सम्मेलन में 2 दिनों तक 4 समानान्तर तकनीकी सत्र आयोजित होंगे जिनमें चार अलग-अलग धाराओं पर मंथन एवं शोध पत्र वाचन होगा। सभी सत्रों की अध्यक्षता प्रमुख शिक्षाविद करेंगे तथा मुख्य वक्ता के रूप में नामचीन विशेषज्ञों का उद्बोधन होगा। सभी सत्रों में उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपति अपनी गरिमामयी उपस्थिति देंगे।
सम्मेलन के प्रथम दिन सम्पन्न प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता राजस्थान युनिवर्सिटी जयपुर के कुलपति प्रो. राकेश कोठारी ने की जबकि मुख्य वक्ता न्यू फ्यूचर डिजिटल इंडिया लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेंट एम.वी.एस. मूर्ति रहे। कार्पोरेट जगत से टेम्पसेंस इंस्ट्रूमेंट्स प्रा.लि. के पी.पी. भट्टाचार्य ने मार्ग दर्शन किया। द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता गुरू गोविन्दसिंह इन्द्रप्रस्थ युनिवरसिटी द्वारका के प्रोफेसर राजकुमार मित्तल ने की जबकि मुख्य वक्ता एमिटी इण्टरनेशनल बिजनेस स्कूल नोएडा के प्रोफेसर आर.एस. राय थे। कार्पोरेट प्रतिनिधि के रूप में फ्यूजन बिजनेस साॅल्यूशन के मेनेजिंग डायरेक्टर श्री मधुकर दूबे उपस्थित थे।
तृतीय तकनीकी सत्र के अध्यक्ष कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड़ के प्रोफेसर उत्तम किनागे तथा मुख्य वक्ता डाॅ अनुपम भार्गव थे। चतुर्थ तकनीकी सत्र की अध्यक्षता इन्दिरा गांधी हरियाणा स्टेट यूनिवर्सिटी रेवाड़ी के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने की तथा मुख्य वक्ता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर के प्रो. पीएन मिश्रा थे। कार्पोरेट जगत से इंस्टीट्यूट ऑफ चाटर्ड एकाउण्टेंट्स ऑफ इण्डिया की उदयपुर शाखा के अध्यक्ष सी.ए. अंशुल मोगरा उपस्थित थे।
मुख्य समन्वयक डॉ नरेन्द्र चावड़ा ने जानकारी दी कि चारों तकनीकी विषयों को मिलाकर दो सो से अधिक शोध पत्रों का वाचन डेलिगेट्स द्वारा किया जाएगा तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्थानों से 25 से अधिक लाईव प्रजेन्टेशन भी होंगे। अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन में दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, गुजरात, पंजाब व उत्तर प्रदेश आदि विभिन्न प्रांतों के शोधार्थी भाग ले रहे हैं। इसके अलावा इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी तेहरान, नेशनल काॅलेज आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन लाहौर, पयाम नूर यूनिवरसिटी ईरान, साउदी इलेक्ट्रानिक यूनिवरसिटी साउदी अरब तथा चीन ताईवान वियतनाम आदि देशों से भी शोध पत्र प्राप्त हुए हैं। सम्मेलन में भाग लेने हेतु 27 अन्तराष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित 350 से अधिक रिसर्च स्कोलर, फैकल्टी सदस्य एवं विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। समापन 20 जनवरी को होगा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पी.के. दशोरा होंगे।