उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संगटक ज्योतिष एवं वास्तु संस्थान वद इन्सपाइरेशन के संयुक्त तत्वाधान में डीएमआईटी तकनीक द्वारा बच्चों के सर्वांगिण विकास तथा उन्हें तनावमुक्त बनाने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया।
अध्यक्षता संस्थान की विभागाध्यक्ष डाॅ. अलकनन्दा शर्मा ने की। मुख्य अतिथि राजेन्द श्रीमाली ने बताया कि आजीविका के क्षेत्र में यह तकनीक एक विकास के रूप में उभरकर आई है जो निश्चित रूप से निकट भविष्य में नये आयाम स्थापित करेगी।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में द ईन्सपाइरेशन संस्था की और से निदेशक ओमप्रकाश दूबे ने पावर पाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से बच्चों एवं अभिभावकों को संबोधित करते हुए बच्चों में जन्मजात छिपी हुई प्रतिभा एवं क्षमताओं के बारंे में डीएमआईटी तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डीएमआईटी विश्व में अनेक विकसित देशों द्वारा अपनाई गई तकनीक है, जिसके माध्यम से वहंा के बच्चों की क्षमताओं को पहचाननें के साथ साथ शिक्षा को तनावमुक्त बनाने एवं बच्चों के सर्वांगिण विकास द्वारा उन्नत राष्ट्र बनाने का कार्य किया जाता हैै।
संस्था ने इस अन्र्तगत भारत जैसे विकासशील देश एवं वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, नवीनतम तकनीक द्वारा देश के विकास की और अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई। संस्था गत कई वर्षों से छात्रों को तनावमुक्त बनाने व उनके केरियर मार्गदर्शन के लिए कार्यरत हैं। इस प्रतिभा को कैसे पहचाना जाएं इसके बारंे में विस्तृत रूप से बताया गया। द्वितीय चरण में सहयोगी वक्ता अभिषेक शर्मा एवं निशान्त व्यास द्वारा मिडब्रेन को कैसे सक्रिय किया जाएं इसकी पूरी प्रकिया की जानकारी दी गई।
बच्चों व अभिभावकों ने उत्सुकतावश कई सवाल पूछे। वक्ताओं द्वारा जिज्ञासाओं का समाधान एवं मार्गदर्शन किया गया। संस्था यह डीएमआईटी तकनीक भारत सरकार के स्टार्टअप इंडिया से प्ररित हो कर रही है। साथ ही मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत स्वनिर्मित तकनीक यू आई एस एम पर भी अतिशीघ्र कार्य करने वाली है। अंतिम चरण में संस्था गरीब एवं पिछडें छात्रों के लिए संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा निकट भविष्य में इस प्रकार के छात्र कल्याण एवं राष्ट्र कल्याण कार्यो को करने के प्रति अपना दृढसंकल्प दर्शाया। कार्यक्रम का संचालन हेमन्त पालीवाल ने किया। इस मौके पर में लाभार्थियों रीना जोशी, कालिन्दी पुरोहित, मुकेशनाथ, उज्जवल नागदा, चन्द्रकशेखर, जगदीश गर्ग, मुकेश गर्ग, सुनिल त्रिपाठी एवं कई विद्यार्थी मौजूद थे।