पैसिफिक यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग संकाय में विषम परिस्थितियों में सकारात्मक जीवनयापन विषय पर वेबिनार का आयोजन किया जिसमें मुख्य वक्ता देविका सिसोदिया लेखिका और कवयित्री थी।
संस्था निदेशक पियूष जवेरिया ने बताया कि कोविड 19 महामारी ने लोगों के काम करने और अपने जीवन जीने के तरीके में एक बहुत बड़ा और अचानक बदलाव ला दिया है। इस संकट ने भविष्य को लेकर बहुत सारी अनिश्चितताएँ और चिंता पैदा कर दी है।
सिसोदिया ने कहा कि आप हमेशा चीजों के उज्ज्वल पक्ष को नहीं देख सकते। कभी.कभी, आपको सभी भावनाओं को महसूस करने के लिए खुद को अनुमति देनी होती है द्य मुद्दा यह है कि नकारात्मक भावनाओं को अनदेखा करने से वे दूर नहीं हो जातीं। उन्होंने छात्रों को निर्देशित किया कि ष्सकारात्मक रहेंष्ए ष्हमेशा चीज़ों के उज्ज्वल पक्ष को देखें, ष्खुश रखने वाले और अच्छे विचारों के बारे में सोचेंष् और विशेष रूप से महामारी और संकट के दौरान यह बदतर हो सकता हैए जैसी बातों से कैसे निपटें इस बात पर ध्यान दे । वेबिनार में मुख्य रूप से विषाक्त सकारात्मकता पर ध्यान केंद्रित किया द्य किसी भी व्यक्ति को भावनात्मक दर्द या कठिन परिस्थिति के बावजूद उनको केवल सकारात्मक मानसिकता धारण करनी चाहिए। उन्होंने इस महामारी के दौरान होने वाली कठिनाइयों पर चर्चा कीए और बताया कि दूरस्थ शिक्षा कभी.कभी हमें सकारात्मक सोचने के लिए भी मजबूर करती हैए ताकि उन स्थितियों से बचा जा सके जो बदतर हो जाती हैं। हालांकि सकारात्मक सोच का हमेशा अच्छा असर नहीं होता है। विषाक्त सकारात्मकता आपके जीवन को जीने का एक शानदार तरीका हैए इसलिए आप ऐसी किसी भी चीज़ को स्वीकार करने से इनकार करते हैं जो नकारात्मक भावनाओं को ट्रिगर कर सकती है। इसे विषाक्त माना जाता है जब हम खुश रहने की आवश्यकता को बढ़ा.चढ़ाकर पेश करते हैं और हर दिन हर समय सकारात्मक सोचते हैं और इस तरह नकारात्मक भावनाओं को नकारते हैं। वेबिनार में महाविद्यालय के 300 से भी ज्यादा विध्यार्थियो और प्राध्यापकों ने भाग लिया। वेबिनार के अंत में संस्था निदेशक पियूष जवेरिया ने सुश्री देविका सिसोदिया को धन्यवाद ज्ञापन किया और उनके द्धारा दिए गए उपायों को विद्यार्थियों को अनुसरण करने की सलाह दी।