सामूहिक विवाह में 22 बेटियों ने छोड़ा बाबुल का घर
Udaipur. बसंत पंचमी के बाद तारा अस्त होने से बंद हुए सावों का दौर सोमवार से वापस शुरू हो गया। 29 अप्रेल से शुरू हुए सावे अब पूरे मई माह और जून तक चलेंगे। अमूमन ये भड़ल्या नवमी तक रहेंगे। इस वर्ष जनवरी और फरवरी में 14 तारीख तक ही सावे थे। पहले ही दिन चौधरी मेवाड़ा कलाल समाज की 22 बेटियां बाबुल के घर से विदा हुई।
शादियों में अभिभावकों को सोने-चांदी में कम हुए दामों ने अत्य।धिक प्रभावित और खुश कर दिया है। जिन्हों ने काफी पहले ही खरीद लिया, वो तो ठीक लेकिन जो अब खरीदने जा रहे हैं, उनके लिए काफी फायदे का सौदा रहा। शहर में पहले ही दिन वाटिकाएं भरी रहीं। जगह जगह बारातें निकलने के कारण जाम की स्थिति भी बनी।
महासतिया स्थित सत्याम वाटिका में चौधरी मेवाड़ा कलाल समाज का सामूहिक विवाह की शुरूआत हुई। वर-वधु पक्ष का स्वागत किया गया। यहां से अल्पाहार के बाद वर-वधुओं की बिंदोली निकाली गई। 22 घोड़ों पर सवार दूल्हे और बग्घियों में दुल्हीनें सवार थीं। दोनों पक्षों की महिलाओं ने सिर पर कलश लिए थे। तीखी धूप से भी काफी परेशानी हुई। यहां से आयड़, यूनिवर्सिटी रोड होते हुए भाग्योश्री वाटिका पहुंचे जहां तोरण की रस्मन हुई। हजारों महिला-पुरुषों की मौजूदगी में फेरे हुए। समाज के भामाशाहों ने खूब बढ़-चढ़कर वर वधुओं को भेंट दी। फ्रिज, गैस सिलेंडर व चूल्हाफ, पंखे, कुकर, आयरन, जेवर आदि उपहार में दिए गए। सामूहिक विवाह के लिए वधु पक्ष से 5 ओर वर पक्ष से 21 हजार रुपए लिए गए थे। कुछ वधुओं की आर्थिक स्थिति को देखते हुए निशुल्कर या आधे शुल्क पर भी विवाह कराए गए।