udaipur. झीलों का जलस्तर कम होने से झीलों में समां रहा सीवरेज नज़र आ रहा है। सीवरेज को झीलों में जाने से रोकने के कोई भी सार्थक प्रयास नहीं किया जानाआश्चर्य जनक है। झील प्रेमियो द्वारा किये गए पिछोला भ्रमण के दौरान पाया की आम्बपोल पंप हॉउस के पास तेरह जगह से झील में सीवर समां रहा हैऔर जलकुम्भी का पोषण कर रहा है।
झील संरक्षण समिति के डॉ तेज राजदान और विद्या भवन पोलिटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य अनिल मेहता ने कहा कि ीलों में सीवरेज प्रवेश को आपदा मानते हुए इसके लिए गंभीर और त्वरित प्रयासों की जरुरत है।उन्होंने कहा की यह क्षोभ जनक है कि नागरिको एवं स्थानीय मिडिया द्वारा विगत सात वर्षो से बार बार कहने के उपरांत भी सीवरेज की समस्या बनी हुई है।
चांदपोल नागरिक समिति के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पुष्प वाटिका ,लालघाट और रोवानिया घाट की तरफ निरंतर सीवर पिछोला में जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल स्तर कम होने की वजह से अभी सीवर झील में जा रहा है तथा झील भरने के उपरांत झीलों का पानी सीवर लाइन से बहार जायेगा। पालीवाल ने वर्षा पूर्व इसको रोकने और सीवर लाइन दुरस्ती की जरुरत बतलाई।उन्होंने कहा की पिछले चार दिनों से महाराजा घाट का पंप बंद होने से सीवर लाइनों से सीवरेज झीलों में तेजी से जा रहा है।
डॉ मोहन सिंह मेहता ट्रस्ट के नन्द किशोर ने सुझाया कि सीवर पंप का बार बार ख़राब होना पूरी सीवरेज सिस्टम को नेस्तनाबूत कर रहा है।चूँकि ये पंप पुराने भी हो चुके है तथा इनकी क्षमता भी कम है अतः इन्हें तुरंत बदल देना चाहिए। इससे सिवेरेज को ठीक तरह से पाइप किया जा सकेगा।