रावण दहन को देखने उमड़ा लोगों का सैलाब
फतहनगर। पालिका प्रशासन के तत्वावधान में रविवार को दशहरा कार्यक्रम रंगारंग आतिशबाजी एवं रावण दहन के साथ सम्पन्न हुआ। पहली बार दहन के लिए विशेष तकनीक का उपयोग किया गया। आतिशबाजी के दौरान ही राम, लक्ष्मण एवं हनुमान के अलावा रावण की सेना के बीच युद्ध का मंचन होता रहा। एक घंटे तक हुई आतिशबाजी का लोगों ने लुत्फ लिया।
आतिशबाजी बड़ी सादड़ी के प्रसिद्ध शोरगरों द्वारा की गई। रात्रि के अंधेरे में आसमान में सतरंगी छटाएं देखकर लोग वाह वाह कर उठे। आतिशबाजी के बाद उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, अधिशासी अधिकारी आदि ने पहुंच कर समारोह में शिरकत की तथा अखाड़ा मंदिर के कलाकारों की आरती कर सम्मान किया। इसके बाद राम, लक्ष्मण ने रावण, कुंभकरण एवं मेघनाद के पुतले को आग के हवाले कर दिया। रिमझिम बारिश में भीगने के बावजूद पुतलों का आसानी से दहन हो गया। पुतले जलने के बाद लोग वहां से निकले। रावण दहन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी लगा।
आचार संहिता से प्रभावित रहा कार्यक्रम: विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पालिका का कार्यक्रम प्रभावित रहा। पालिकाध्यक्ष समेत सभी राजनेता मंच से दूर ही रहे तथा कार्यक्रम का सारा संचालन पालिका द्वारा ही किया गया। इसके अलावा मंच पर भी प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा दूसरा कोई नहीं था। किसी भी नागरिक तक को मंच पर आमन्त्रित ही नहीं किया गया। अधिकारी इस मर्तबा आचार संहिता को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
ये रहे पात्र : हर वर्ष की तरह ही इस बार भी रावण दहन का कार्यक्रम अखाड़ा मंदिर के कलाकारों द्वारा ही हुआ। इसमें विकास चावड़ा ने राम का,रतनलाल गाडरी ने लक्ष्मण का,ललित साहु ने हनुमान का एवं भरत धोबी ने रावण का किरदार निभाया। सभी ने हीरालाल टेलर के निर्देशन में अपनी-अपनी भूमिकाएं अदा करते हुए मैदान पर लोगों का मनोंरंजन किया।
रावण ने फूंकी सिगरेट : रावण, कुंभकरण व मेघनाद के पुतलों के दहन के लिए इस बार विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया। पहली मर्तबा तीनों पुतलों को सिगरेट के जरिए आग के हवाले किया गया। कुंभकरण व मेघनाद के पुतले सिगरेट से जले तो रावण का पुतला सिगरेट से नहीं जला। इस पर पुतले को नीचे से आग लगा कर जलाया गया।