नीलकंठ फर्टीलिटी व वुमन केयर हॉस्पिटल का स्थापना दिवस
Udaipur. भारत में टेस्ट ट्यूब बेबी के मामले में उदयपुर एक हब की तरह उभर रहा है। यहां न सिर्फ राजस्थान बल्कि देश भर से निसंतान दंपती अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ लेकर संतान का सुख प्राप्त कर रहे हैं। यह जानकारी नीलंकठ फर्टीलिटी एण्ड वुमन केयर हॉस्पिटल के डॉ. आशीष सूद ने दी।
वे संस्था न के स्थापना दिवस पर रविवार को संतान का सुख प्राप्तय करने वाले टेस्टे ट्यूब बेबीज़ के साथ बाल समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्य चिकित्सक डॉ. सिमी सूद ने बताया कि यहां की क्लास 1000 क्लोकज्ड मोड्यूलर वर्किंग लैब व एम्ब्रियों मॉनिटरिंग सिस्टम के उपयोग से टेस्ट ट्यूब बेबी पद्धति की जा रही है जो देश के गिने चुने संस्थानों में ही उपलब्ध है। यह लैब अन्तराष्ट्रीय व यूरोपियन मानकों के अनुसार बनाई गई है। इस लैब मे टेस्ट ट्यूब पद्धति द्वारा सफलता की दर अन्य लैब की तुलना में काफी अधिक रहती है। सामान्यतः मरीज को टेस्ट ट्यूब प्रकिया को तीन से चार बार कराने की आवश्यकता पड सकती है परन्तु क्लोटज्ड वर्किंग मोड्यूलर लैब की मदद से प्रथम चक्र में ही गर्भधारण की प्रबल संभावना रहती है।
समारोह में संस्थान द्वारा लाभान्वित दम्पत्तियों ने बच्चों के साथ भाग लिया। दिल्ली, उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, हिमाचल, हरियाणा व समस्त राजस्थान से आये 200 से भी ज्यादा बच्चों ने मिलकर एक ही मंच पर आकर इस आयोजन को चार चांद लगा दिये। डॉं. सिमी ने बताया कि वात्सल्य की आस में आज भारत में 20-25 प्रतिशत दम्पति तरस रहे है। निःसंतानता की समस्या बढने का मुख्य कारण, तनावपूर्ण जीवनशैली खाद्य पदार्थों में अनियंत्रित मिलावट व केमिकल्स का उपयोग माना जा रहा है। इस वजह से अधिकांश महिलाओं में कम उम्र में ही महावारी का बंद होना, अण्ड उत्सर्ग न होने जैसी समस्याएं आने लगी हैं व पुरूषों में शुक्राणओं की कमी देखने को मिल रही हैं। इस स्थिति को गम्भीरता से देखते हुए आमजन में जागरूकता की आवश्यकता है। कम उम्र में ही निसंतानता विशेषज्ञ की सलाह ले ली जाए तो समय व पैसा बर्बाद होने से बचाया जा सके।
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