पश्चिम क्षेत्र विश्वविद्यालय युवा महोत्सव का समापन
udaipur. ’अब तो जाते हैं बुतकते से मीर, फिर मिलेंगे गर खुदा ने मिलाया‘ कुछ ऐसे ही भाव युवा महोत्सव के समापन समारोह के सभागार में उपस्थित हर प्रतिभागी के चेहरे पर दिखाई पड़े। हर प्रतिभागी के दिल में कुछ पाने की खुशी थी तो नए दोस्तों से बिछडऩे का गम भी चेहरे पर साफ झलक रहा था।
युवा महोत्सव से जहां विभिन्नी विश्वरविद्यालयों के छात्र-छात्र यहां एकत्र हुए और परस्पर भाईचारा बढ़ा, साथ ही सुखाडि़या विश्ववविद्यालय को भी कई सौगातें मिलीं। यहां मल्टीपल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की स्थापना, 100 करोड़ की लागत का संग्रहालय, सेण्टर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना, विश्व विद्यालय में नगर परिषद द्वारा एक बड़े सभागार का निर्माण, विश्विविद्यालय के निर्देशन में टी.आर.आई. का अकादमिक कार्य संपादन तथा विधायक कोटे से हेल्थ सेण्टर की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये की सहायता आदि का लाभ मिला।
युवा महोत्स्व का आयोजन मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्व विद्यालय, भारतीय विश्वीविद्यालय संगठन, नई दिल्ली तथा खेलकूद एवं युवा मामलात मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में 5 से 9 दिसम्बर तक सुखाडिय़ा विश्व विद्यालय की मेजबानी में हुआ। समापन समारोह में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीय ने कहा कि भारत की शक्ति युवाओं में बसती है। आज युवाओं की ताकत के बल पर ही भारत ने विश्वह स्तर पर अपनी विशिष्ट् पहचान बनाई है। वतन पर मर मिटने का जज्बा युवाओं में जरूरी है। उन्होंने कहा कि 500 वर्ष पुराने लोक गीतों में भी 21 वीं सदी के भारत की परिकल्पना विद्यमान थी। मालवीया भी इस दौरान वागड़ी गीत सुनाने से रोक नहीं पाए। ’जाग किसान भाई तू किण निदरा में हूतो रे‘ गीत सुनाकर श्रोताओं की तालियाँ बटोरीं। उन्होंने कहा कि टीआरआई में अकादमिक गतिविधयों को बढ़ावा देने के लिए इसे विश्वतविद्यालय से सम्बद्ध किया जाएगा।
विशिष्टे अतिथि संसदीय सचिव गजेन्द्र सिंह शक्तावत ने ’जिन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के दम पर तो जनाजे उठा करते हैं‘ पंक्तियां सुनाते हुए कहा कि’सक्सेस इज नॉट परमानेंट एण्ड फेलियर इज नॉट फाइनल‘ इसलिए प्रतियोगिताओं में विजेताओं को पूरे जोश के साथ आगे बढऩा चाहिए। साथ ही असफल प्रतियोगियों को निराश होने की आवश्यूकता नहीं है। शक्तावत ने विश्वविद्यालय में मेडिकल सुविधा की आवश्यओकता महसूस करते हुए विधायक कोटे से हेल्थ सेण्टर की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
नगर परिषद सभापति रजनी डाँगी एवं उदयपुर ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा ने भी विचार व्यक्त किए। डाँगी ने कहा कि विश्वएविद्यालय में इससे अधिक क्षमता वाले सभागार की आवश्यकता है अत: नगर परिषद् के सहयोग से उन्होंने विश्व्विद्यालय में एक बड़े सभागार निर्माण की घोषणा की।
कुलपति प्रो. आई.वी. त्रिवेदी ने कहा कि यह महोत्सव सुखाडिय़ा विश्व्विद्यालय के इतिहास में अनेक नए अध्याय जोड़ गया। विश्वउविद्यालय को तीन अनमोल रत्न मिले। प्रथम खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा विश्वोविद्यालय में मल्टीपल स्पोटृर्स कॉम्पलेक्स की स्थापना, दूसरा रामानुजन ट्रस्ट, चैन्नई के संस्थापक प्रो. एस.ए.आर.पी.वी. चतुर्वेदी स्वामी द्वारा सेण्टर फोर एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा और तीसरा हेरिटेज पॉइण्ट प्राईवेट लिमिटेड, अहमदाबाद द्वारा 100 करोड़ की लागत से एक अद्वितीय म्यूजियम की स्थापना। यह सब इस विश्व्विद्यालय के कर्मठ एवं ऊर्जावान सहयोगियों के सक्रिय सहयोग का ही परिणाम है। भारत सरकार के आब्जर्वर एस.एम. कान्त व एआईयू के प्रतिनिधि सेम्प्सन डेविड ने भी विचार व्यक्त किए।
महोत्सव के समन्वयक प्रो. कैलाश सोडाणी ने ‘गुजरेंगे तेरे बाद भी कुछ लोग इधर से, लेकिन तेरी खुशबू न जाएगी राहे गुजर से’ आभार जताया। इससे पूर्व मंचासीन अतिथियों का स्वागत केन्द्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष परमवीर सिंह चुण्डावत ने किया। प्रतिवेदन आयोजन सचिव प्रो. मदन सिंह ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कनिका शर्मा ने किया।
विजेता
ओवर ऑल प्रदर्शन के आधार पर वनस्थली विद्यापीठ को विजेता तथा मुम्बई विश्वहविद्यालय को उपविजेता घोषित किया गया। इवेंट वाइज में थियेटर में वनस्थली विद्यापीठ, डान्स में अमरावती विश्वयविद्यालय, फाइन आट्र्स : डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर, मराठावाड़ा विश्व्विद्यालय, लिटररी कॉम्पीटीशन : देवी अहिल्या विश्वखविद्यालय, इंदौर तथा म्यूजिक में मुम्बई विश्व्विद्यालय विजयी रहे।
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