दस दिवसीय नशा निवारण शिविर 21 से
जोधपुर के डॉ. माणकलाव आएंगे
udaipur. समाज में जलकुंभी की तरह फैलती जा रही नशा प्रवृत्ति ने युवाओं को अपने शिकंजे में इस कदर कस लिया है कि वह चाहते हुए भी उसके चगुंल से नहीं निकल पा रहा है। ऐसे युवाओं एंव समाज को नशा मुक्त बनाने के लिये रोटरी क्लब हेरिटेज द्वारा अशोक नगर मेन रोड़ स्थित सुख सागर पैलेस में 21 से 30 दिसंबर तक दस दिवसीय नि:शुल्क नशा मुक्ति शिविर लगाकर इस दिशा में एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है। इस शिविर में जोधपुर के अफीम मुक्ति चिकित्सा प्रशिक्षण एंव अनुसेधान ट्रस्ट तथा माणकलाव आश्रम के 69 वर्षीय पद्मश्री एंव पद्मभूषण से सम्मानित डॅा. नारायणसिंह माणकलाव व उनकी 10 सदस्यीय चिकित्सकों टीम द्वारा 35 नशा रोगियों का ईलाज कर उन्हें नशा मुक्ति दिलायी जायेगी ताकि वे समाज की मुख्य धारा से पुन: जुड़ सके।
क्लब अध्यक्ष अनुभव लाडिय़ा ने प्रेस वार्ता में बताया कि शिविर में सभी 35 रोगियों के भोजन, आवास एंव दवाइयों की नि:शुल्क व्यवस्था क्लब द्वारा की गई है। डॅा.माणकलाव एंव उनकी टीम द्वारा रोगियों का इलाज व्यावहारिक एंव वैज्ञानिक तरीके से किया जाता रहा है। उन्होनें बताया कि क्लब का यही उद्देश्य है कि इस शिविर के जरिये 35 रोगी नहीं वरन 35 परिवारों का जीवन बच सके। इन 35 रोगियों पर लगभग सवा लाख रूपये का खर्च आ रहा है जो सभी क्लब सदस्य मिलकर वहन कर रहे है।
उन्होनें बताया कि 1983 में नशा मुक्ति उद्देश्यों को लेकर माणकलाव आश्रम की स्थापना जोधुपर में की गई। उनके द्वारा विभिन्न गांवों में चलाये गये नशा मुक्ति कार्यक्रमों के कारण सेकड़ों ग्रामीण लाभान्वित हुए। जिस कारण केन्द्र सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 1986 मे पद्मश्री एंव 1991 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। माणकलाव द्वारा जनहित में चलाये गये इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार ने भी इन्हें सहयोग किया। माणकलाव एक सामाजिक कार्यकर्ता तो है ही साथ ही वे वर्ष 2003 से वर्ष 2009 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
क्लब सचिव दीपक सुखाडिय़ा ने बताया कि डोडा,अफीम,हेरोईन, चरस, गांजा आदि नशों से युवाओं को मुक्त कराने तथा नशा मुक्त होने वाले रोगियों के लिये यह शिविर काफी उपयोगी साबित होगा। 3 वर्षीय इस क्लब ने तीन वर्षो के दौरान अनेक जनहित एंव सामाजिक सेवा के कार्य किये। क्लब ने गंावो में अनेक मेडीकल केम्प लगाकर ग्रामीणों को लाभान्वित किया। इसके अलावा नैत्र चिकित्सा पर भी रोचक वार्ता आयोजित कर पीडि़तों को लाभान्वित करने का प्रयास किया। शिविर में रोगियों की जांच एंव भर्ती 21 दिसंबर को होगी तथा शिविर से उन्हें छुट्टी 30 दिसंबर को ही मिलेगी।
इस अवसर पर डॅा. पी.सी.जैन ने बताया कि शिविर से अधिकाधिक रोगियों को लाभान्वित कराने के लिये जगह-जगह पोस्टर एंव बैनर लगाकर प्रचार किया जा रहा है ताकि समाज में फैली इस कुरीति को जड़ से समाप्त किया जा सके।
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