रजत जयन्ती वर्ष में राष्ट्रीय हस्तशिल्प एवं लोक कला महोत्सव
राज्यपाल शिवराज पाटिल करेंगे उद्घाटन
udaipur. वर्ष 1986 में स्थापित पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की रजत जयन्ती वर्ष में केन्द्र की ओर से 21 से 30 दिसम्बर तक उदयपुर के हवाला गांव के समीप बने कला परिसर शिल्पग्राम में दस दिवसीय राष्ट्रीय हस्तशिल्प एवं लोककला उत्सव ‘‘शिल्पग्राम उत्सव-2011’’ का आयोजन किया जायेगा। उत्सव का उद्घाटन राजस्थान के राज्यपाल तथा केन्द्र अध्यक्ष शिवराज पाटिल करेंगे। इस अवसर पर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्यागिकी विश्वविद्यालय के कुलपति एस.एस. चाहल विशेष अतिथि होंगे।
देश की लोक कला अनूठी शिल्प परंपरा के प्रोत्साहन तथा कलाकारों व शिल्पकारों को कला प्रदर्शन के लिये मंच उपलब्ध करवाने तथा शिल्प साधकों को शिल्प उत्पादों के विपणन के लिये बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से केन्द्र द्वारा उत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष करता है। उत्सव में केन्द्र को विकास आयुक्त हस्तशिल्प नई दिल्ली, विकास आयुक्त हथकरघा नई दिल्ली, केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय नई दिल्ली, राष्ट्रीय पटसन बोर्ड वस्त्र मंत्रालय नई दिल्ली, देश के समस्त क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सदस्य राज्य राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा गोवा राज्य सरकार का रचनात्मक सहयोग रहेगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र इस वर्ष अपना रजत जयन्ती वर्ष मना रहा है। शिल्पग्राम उत्सव के दौरान केन्द्र अपने सदस्य राज्यों की कला प्रस्तुतियों का विशेष आयोजन करने जा रहा है। इसके अतर्गत 22 दिसम्बर को ‘‘महाराष्ट्र दिवस’’, 23 दिसम्बर को ‘‘गोवा दिवस’’, 24 दिसम्बर को ‘‘गुजरात दिवस’’ तथा 25 दिसम्बर को ‘‘राजस्थान दिवस’’ का आयोजन विशेष रूप से किया जायेगा। इस अवसर पर इन राज्यों के कला एवं संस्कृति विभागों द्वारा विशेष कला दल उत्सव हेतु भिजवाये जा रहे हैं। उत्सव में ही 26 दिसम्बर को ‘‘लोक तरंग’’, 27 दिसम्बर को ‘‘उड़ान’’, 28 दिसम्बर को ‘‘सप्तरंग’’ 29 दिसम्बर को ‘‘धरोहर’’ तथा 30 दिसम्बर को समापन अवसर पर ‘‘झंकार’’ का आयोजन किया जायेगा। 27 सितम्बर को आयोजित ‘‘उड़ान’’ में इंडिया गॉट टेलेन्ट के अंतर्गत प्रस्तुति दे चुके पाशा व उनके दल के विशेष बच्चों की प्रस्तुतियाँ विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगी। उत्सव में ही 29 दिसम्बर को ‘‘धरोहर’’ में सुप्रसिद्ध पण्डवानी गायिका पद्मभूषण तीजन बाई के श्रीमुख से महाभारत की गाथा के श्रवण का अवसर कला रसिकों को मिल सकेगा।
दस दिवसीय उत्सव के दौरान अपरान्ह 12.00 बजे से हाट बाजार प्रारम्भ होगा जहाँ आगंतुकों को विभिन्न राज्यों के शिल्प उत्पाद देखने व खरीदने का अवसर मिलेगा। उत्सव के दौरान रोजाना शाम 6 बजे से मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा।
उत्सव में आगंतुकों के लिये एक तरफा यातायात की व्यवस्था रहेगी। चार पहिया व बड़े वाहन बड़ी मार्ग से प्रवेश कर सकेंगे जबकि दो पहिया वाहन संजय गार्डन से प्रवेश कर सकेंगे। उत्सव में सुरक्षा की दृष्टि से शिल्पग्राम परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं वहीं कला प्रेमियों की सुविधा के लिये रंगमंचीय प्रस्तुतियों का प्रोजक्शन शिल्पग्राम में कला निवास के समीप किया जायेगा।
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