पारितोषिक वितरण एवं समापन समारोह
एमपीयूएटी का युवा महोत्सव
उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के युवा महोत्सव ”उमंग-2014” का पारितोषिक वितरण एवं समापन गुरुवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ।
अन्तिम दिन 8 मई को सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सभागार में रंगमंचीय प्रतियोगिताओं के अन्तर्गत एकांकी एवं एकाभिनय तथा एकलगान, समूहगान, एकल नृत्य एवं समूह नृत्य एवं फैशन शो इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। एकाभिनय में प्रतिभागियों ने आम आदमी की दशा, वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य, साम्प्रदायिक एकता, समाज सेवा आदि विभिन्न विषयों पर भावपूर्ण अभिनय प्रस्तुत किया। लघु नाटक प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने नशाखोरी, महिला सशक्तिकरण व नारी शिक्षा का महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के पूर्व कुलपति प्रो. के. एन. नाग ने कहा कि केन्द्रीय छात्र संगठन कार्यकारिणी, छात्र-छात्राओं प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति के सदस्यों को सफल आयोजन हेतु बधाई दी। प्रो. गिल ने कहा कि छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में किए गए प्रदर्शन एवं सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद एवं शुभकामनाएं दी। प्रो. गिल ने छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ अन्य खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए शुभकामनाएं दी। उनके सर्वांगीण विकास हेतु महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। अतिथियों द्वारा पूर्व में आयोजित अर्न्तमहाविद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिता में विजेताओं को उत्कृष्ट प्रदर्शन पर ट्रॉफी एवं पारितोषिक प्रदान किया गया। अतिथियों का स्वाृगत छात्र कल्याण अधिकारी डॉ. वाई. सी. भट्ट एवं छात्रसंघ अध्यक्ष किशनलाल नागा ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
पारितोषिक एवं परिणाम समिति के अध्यक्ष डॉ. ए. यू. सिद्दकी ने बताया कि एकल गायन में 11 प्रतियोगियों ने, समूह गायन में 5 टीमों ने, एकल नृत्य में 16 प्रतिभागियों ने व समूह नृत्य में 6 टीमों ने भाग लिया। एकल गायन के बोल काना मैं तो बाल कुंवारी रे, लाल मेरी, तुम को देखा तो ये ख्याल आया, समूह गायन में संदेशे आते हैं, अरे द्वारपालों, म्हारा हाथां में हरियो रूमाल आदि गानों की प्रस्तुति की गई। प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में लोक गीतों एवं फिल्मी गीतों की सूरीली प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया व खूब तालियां बटोरी। संचालन डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. गायत्री तिवारी ने किया तथा धन्यवाद की रस्म डॉ. अनिल व्यास ने अदा की।