तेरापंथ सभा, अणुव्रत समिति और चैम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिवीजन की संयुक्त व्यावसायिक संगोष्ठी
उदयपुर। साध्वी कनकश्रीजी ने कहा कि हमारे समाज का स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा, प्रगति और आर्थिक विकास व्यापारी वर्ग पर निर्भर है। व्यापार समाज की रीढ़ की हड्डी है। विनिमय का सारा कार्य उस पर आधारित है। अणुव्रत से व्यापारी वर्ग को व्यवसाय शुद्धि की प्रेरणा मिलती है।
वे तेरापंथ सभा, अणुव्रत समिति और चैम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में तेरापंथ भवन में रविवार को व्यवसाय शुद्धि और अण्रवत विषयक आयोजित व्यावसायिक संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने व्यापारियों को आगाह करते हुए कहा कि ग्राहक के साथ क्रूर व्यवहार न करें। अणुव्रत की व्यापार संहिता खाद्य पदार्थों कभी मिलावट न करने, तौल-माप में कमी बेशी न करने, राज्य निषिद्ध वस्तु का व्यापार नहीं करने, गिरवी या बंधक वस्तु लौटाने से इनकार नहीं करने और जमाखोरी नहीं करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि व्यापार प्रणाली पारदर्शी, स्वस्थ, स्वच्छ और खुलापन लिए हो तभी समृद्धि की इमारत नैतिकता के खंभों पर खड़ी रह सकती है।
अतिथियों के रूप में चैम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिवीजन के मंत्री किरणचंद्र लसोड़ ने कहा कि व्यवसाय करना सबसे कठिन कार्य है। 32 सरकारी विभागों की जकड़ में आने के बावजूद व्यापारी को ग्राहक के साथ सहनशील, नम्र बनकर रहना होता है। व्यवसाय का पहला नियम सौम्य होना है। धैर्य अत्यावश्यक है। 1947 में पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा द्वारा स्थापित 135 संघीय संस्थाओं के सहयोग से आज चैम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिवीजन में हजारों सदस्य हैं।
खुदरा खाद्य व्यापार संघ के अध्यक्ष और चैम्बर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तुलसीराम अग्रवाल ने कहा कि अपनी आय का कुछ नियत हिस्सा धर्म के कामों में लगाना चाहिए। इससे आपका तो भला होगा लेकिन अन्य असहाय लोगों की मदद होगी। मुझे यह कहते हुए हर्ष है कि 1980 से मैं संघ का अध्यक्ष हूं। कुछ वर्षों पूर्व जिला रसद अधिकारी के साथ बैठक में उन्होंने बताया कि हमने 250 सैम्पल लिए हैं। मैंने पूछा कि लिए कितने हैं, यह नहीं, गलत कितने निकले, ये बताएं। खुशी की बात यह है कि उसमें से सिर्फ 3 सैम्पल गलत थे वो भी ब्राण्ड डिफरेंस यानी तिथि गलत के कारण।
समाजसेवी किरणमल सावनसुखा ने कहा कि सबसे संदेह की दृष्टि से देखा जाने वाला मेरा केरोसीन का होलसेल कारोबार है। जब जिला प्रशासन द्वारा मुझे सराहना का प्रमाण पत्र मिला तो लगा कि कोई न कोई तो देखता जरूर है। आप अपना काम ईमानदारी से करते रहें, निश्चय ही सराहना मिलेगी। चैम्बर के पदाधिकारी जानकीलाल मूंदड़ा ने कहा कि कोई भी काम करें लेकिन ध्यान रखें कि परमात्मा है और वो अपने आप में है। इस बात का ध्यान रख लेंगे तो फिर कभी गलत काम ही नहीं करेंगे। इससे पूर्व अणुव्रत समिति के अध्यक्ष गणेश डागलिया ने समिति के कार्यकलापों की जानकारी दी।
स्वागत उद्बोधन में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि करीब साढ़े छह दशक पूर्व आचार्य तुलसी ने अणुव्रत संहिता की रचना की थी। अनुमान लगाएं कि उस महामानव को साढ़े छह दशक पूर्व ही यह आभास था कि बाद में क्या स्थितियां होंगी कि आज की समस्याओं का निराकरण अणुव्रत संहिता के पालन से हो जाता है।
आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष का समापन इस वर्ष 25 अक्टूबर को होगा। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए त्रिदिवसीय 24, 25 और 26 अक्टूबर को उदयपुर तेरापंथ सभा द्वारा विविध कार्यक्रम किए जाएंगे। साध्वी वृंदों ने व्यापार और व्यवसाय पर साध्वी कनकश्रीजी की स्वरचित गीतिका प्रस्तुत की। समारोह का सफल संचालन सभा के मंत्री अर्जुन खोखावत ने किया।