जानकारी तक नहीं, कनेक्शन धारकों का स्वत: बीमा
उदयपुर। रसोई गैस सिलेंडर के कारण यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसकी भरपाई के लिए बीमा होता है। इसके लिए जिस एजेंसी का गैस सिलेंडर है, वहां पूरी घटना की जानकारी देनी होती है। बीमा सम्बन्धी जानकारी कोई भी गैस एजेंसी उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाती। इस कारण शहर में कई दुर्घटनाएं गैस सिलेंडर की वजह से हुए, लेकिन बीमा क्लेम एक का भी नहीं उठा। गैस एजेंसियों की मानें तो अब तक किसी ने भी क्लेम ही नहीं किया।
सरकार के आदेश पर सभी गैस एजेंसियों की ओर से दो प्रकार के बीमा उपभोक्ताओं के कराए जाते हैं। एक तो कंपनी अपने स्तर पर कराती है। दूसरा गैस कनेक्शन जारी करने वाली एजेंसी की ओर से थर्ड पार्टी बीमा कराया जाता है। दोनों की ओर से एक्सीडेंट बीमा कराया जाता है। दोनों का लाभ तभी मिल सकता है, जब गैस सिलेंडर संबंधी कोई दुर्घटना होती है। इसमें कंपनी की ओर से कराए जाने वाली बीमा राशि एक लाख रुपए होती हैं। वहीं, एजेंसी की ओर से कराए गए बीमा की राशि 10 लाख रुपए होती है। बीमा क्लेम संबंधित बीमा कंपनी की ओर से ही तय शर्त पर दिया जाता है। इसमें गैस कनेक्शन देने वाली कंपनी या फिर कनेक्शन जारी करने वाली एजेंसी का कोई रोल नहीं रहता है। कारण एजेंसी और कनेक्शन धारक कंपनी का काम सिर्फ प्रीमियम देना है।
जानकारी के अभाव में अब तक क्लेम नहीं :
जानकारी के अभाव में अब तक किसी उपभोक्ता ने इस तरह का क्लेम नहीं किया जबकि जिले में कई दुर्घटनाएं गैस सिलेंडर से हुई है। जिले में दो लाख से अधिक गैस उपभोक्ता हैं और 12 गैस एजेंसियां जिले भर में गैस सप्लाई करती है। गैस एजेंसियों को इस बीमा की जानकारी उपभोक्ता तक पहुंचानी चाहिए।