देश भर से 3 हजार से अधिक श्रावक-श्राविकाएं लेंगे भाग
उदयपुर। सुप्रकाशमति ध्यान केन्द्र ट्रस्ट द्वारा शहर से 10 किलोमीटर दूर वलीचा क्षेत्र में 51 हजार वर्गफीट भूमि पर निर्मित किये जा रहे ध्यानोदय क्षेत्र के प्रथम चरण में रविवार को श्रीसुप्रकाशमति माताजी की निश्रा में अष्टद्वार स्थापना महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उदयपुर के समस्त दिगम्बर जैन समाज सहित देश भर से करीब 3 हजार से अधिक श्रावक-श्राविकाएं भाग लेगी। समारोह रविवार को प्रात: सवा ग्यारह बजे प्रारम्भ होगा।
कार्यक्रम सह संयोजक प्रकाश सिंघवी ने बताया कि करीब 5 वर्षो में 10 करोड़ की लागत से बनने वाले इस ध्यानोदय क्षेत्र में मन्दिर निर्माण,ध्यान स्थल, धर्मशाला, भोजनशाला, वात्सल्य भवन, आहार कक्ष बालिका छात्रावास सहित आठ प्रकल्पों का निर्माण होगा। प्रथम चरण में डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाले 13 द्वार युक्त विशाल मनोकामना पूर्ण कामधेनु शांतिनाथ भगवान के मन्दिर में श्वेत पाषाण (संगमरमर) पर गुजरात एवं उड़ीसा के पिछले 4 वर्षो से कार्यरत 50 पारंगत शिल्पियों द्वारा विशेष नक्काशी का कार्य किया जा रहा है। इस मंदिर के कुल 13 द्वारों में 8 द्वारों की स्थापना रविवार को होगी। पांच द्वार मां ज्वालामालीन के है। इन द्वारों पर जिनागम के विशिष्ठ प्रतीक लिये होंगे। जो जैनत्व एंव दिगम्बरत्व की विशिष्टह पहचान प्रदान करते दिखाई देंगे। उक्त मन्दिर वर्ष 2017 तक पूर्ण होगा।
ट्रस्ट के ट्रस्टी ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि उक्त राष्ट्रीय कार्यक्रम अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच की उदयपुर शाखा के व्यवस्था सहयोग से सम्पन्न होगा। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से भाग लेने के लिए सुप्रकाशमति माताजी 51 हजार किमी. की परिवार संस्कार यात्रा तय कर उदयपुर पंहुची है। इस समारोह में 108 इन्द्र-इन्द्राणियों द्वारा 108 कलशों के साथ माताजी के चरण रज कर भूमि को शुद्ध किया जाएगा। जो अपने आप में अनूठा एंव भव्य रूप लिये होगा। आयोजन के लिए हजारों श्रावक-श्राविकाओं के बैठने के लिए विशाल पाण्डाल का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है। शहर की सभी महिला मण्डल की सदस्याएं गुरू मां का अष्ट दृव्य से पूजन करेगी।
शाखा अध्यक्ष अशोक गोदरोत ने बताया कि समारोह में भाग लेने के लिए उदयपुर केअतिरिक्त मुबंई, कर्नाटक,बिहार सहित अनेक राज्यों से आऐंगे। कार्यक्रम में वास्तुविद डॉ.सम्पत सेठी भी भाग लेंगे जो वास्तु पर उपयोगी टिप्स देंगे। शाखा महामन्त्री सुनील गोदावत ने बताया कि कवि डाडमचन्द डाडम अपनी टीम के साथ कविता पाठ करेंगे। राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष रेणु जैन ने बताया कि सम्पूर्ण महिला मण्डल समारोह में भारतीय संस्कृति के दर्शन करायेगा।
ट्रस्टी हीरालाल मालवी ने बताया कि समारोह के प्रारम्भ में पाण्डाल का उद्घाटन,108 इन्द्र-इन्द्राणियों द्वारा गुरू मां का पाद प्रक्षालन, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, मंगलाचरण, अतिथि सम्मान एवं तीन द्वारों की बोली के पश्चात आठों ही द्वारों के पुण्र्याजकों द्वारा अष्ठ द्वारों की स्थापना सम्पादित की जाएगी। इस अवसर पर गुरू मां सुप्रकाशमति माताजी द्वारा विशेष उद्बोधन दिया जाएगा। डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाले इस मन्दिर का निर्माण 2 वर्ष में पूर्ण होगा। इस ध्यानोदय क्षेत्र में जिनागम पर आधारित रोग, शोक,तनाव, चिन्ता के निवारण हेतु ध्यान केन्द्र का भी निर्माण होने जा रहा है। उक्त ध्यान केन्द्र पर जैन धर्म पर आधारित ध्यान क्रिया स्मपन्न करायी जाएगी, जिससे आने वाले व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिलने के साथ ही आत्म बल में में वृद्धि होगी एंव मन में शान्ति बनी रहेगी। वहां बालिकाओं के खेलने के लिए झूले पार्क का भी निर्माण होगा।
संयोजक निलेश मेहता ने बताया कि बाहर से आकर निवास करने वाले श्रद्धालुओं के लिए 1 करोड़ की लागत का मालिक निवास का निर्माण किया जाएगा। श्रद्धालुओं को सात्विक एंव शुद्ध भोजन उपलब्ध हो उसके लिए एक करोड़ की लागत से भोजन शाला का निर्माण अपे्रल माह में प्रारम्भ किया जाएगा। इसमें 500 यात्री एक साथ बैठकर भोजन कर सकेंगे। ध्यानोदय क्षेत्र में 50 लाख की लागत से एक कार्यालय का निर्माण किया जाएगा जिसमें बाहर से आने वाले याित्रायों को रेल,बस, हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी। ट्रस्ट मण्डल के सभी सदस्य महेद्र राजावत,कमल प्रकाश आसपुर,रामगंज मण्डी के त्रिलोक सावला, नागपुर के हरीश हिकावत,्र मुबंई के निलेश कीकावत सहित अनेक सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में आयोजन के प्रचार-प्रसार में लगे हुए है।
इससे पूर्व आज ध्यानोदय रथ यात्रा आज गोवर्धन विलास थाने के सामने स्थित सत्यम एस्टेट पहुंची। पूरे रास्ते में यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। जगह जगह गुरु मां का पाद प्रक्षालन किया गया। श्रावकों ने गुरु मां से संस्कार उपयोगी जानकारियां ली। गुरु मां की यात्रा 29 मार्च तक सत्यम एस्टेट सोसायटी में रहेगी।