ठगी की थी उदयपुर निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर से
हिरणमगरी थाना पुलिस गाजियाबाद से लेकर आई
उदयपुर। लोन, इंश्यो रेंस, होलीडे पैकेज दिलाने जैसे लुभावने प्रलोभन के चक्कगर में उदयपुर निवासी की शिकायत पर ऑनलाइन 32 लाख की ठगी के आरोपियों को हिरणमगरी पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। आरोपियों को गाजियाबाद से पुलिस गिरफ्तार कर यहां लाई।
प्रकरण के अनुसार गोकुल विलेज तीतरड़ी निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर मनोहरलाल पिता नारायणलाल श्रीमाली ने पुलिस महानिरीक्षक को परिवाद दिया जिसमें मोबाइल से वार्ता कर ऑनलाइन 31 लाख की ठगी की शिकायत की। आईजी ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान करवाया। पुलिस अधीक्षक राजेन्द्री प्रसाद गोयल के सुपरविजन में हिरणमगरी थानाधिकारी छगन पुरोहित ने अनुसंधान आरम्भ किया।
अनुसंधान के दौरान साइबर सेल उदयपुर की सहायता से अभियुक्तों का एक नम्बर ट्रेस कर थाने से एक टीम गठित कर हेड कांस्टेसबल किशोर सिंह, कांस्टे बल मनोहर सिंह, मामराज, कुलदीप सिंह की टीम को दिल्ली नोएडा, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश मोबाइल नम्बर ट्रेस के आधार पर भेजा गया। गाजियाबाद में एक सप्ताह रूक कर उक्त टीम ने इन्द्रापुरम पुलिस थाना में पहुंच उदयपुर की स्थानीय साइबर सेल व थानाधिकारी हिरणमगरी के सुपरविजन में टेलिफोन पर रह उक्त ठगों के स्थान को ट्रेस किया। इसमें गाजीयाबाद साइबर सेल की भी मदद ली गई। काफी प्रयास कर स्थान विशेष जहां इस प्रकरण के आरोपी ठग ऑफिस का संचालन कर उक्त अपराधिक गतिविधियों मे सक्रीय थे वह स्थान गाजियाबाद वैशालीनगर सेक्टर 3 में एक कॉल सेन्टर था जिस पर दबिश देकर फर्जी कॉल सेन्टर चलाकर लोगों के साथ इन्टरनेट की सहायता से धोखा करने वाले आरोपी रणविजय सिंह पिता रामनिवास सिंह राजपुत, ललित कुमार पिता धर्मप्रकाश खटीक निवासी 283नॉर्थ सिविल लाईन रेल्वे रोड़ मुज्जफरनगर हाल सुभाष विहार दिल्ली ईस्ट व अंकुर पिता अनिल कुमार भारद्वाज निवासी सुभाष विहार दिल्ली ईस्ट को पकड़ कर डिटेन कर लाये जिनसे लम्बी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। इन्हे आज न्यायालय से 10 दिन के पुलिस रिमाण्ड पर लिया जाकर गहन अनुसंधान किया जा रहा है। ठगी में प्रयुक्त लेपटॉप, मोबाइल इन्स्टूमेन्टस व अन्य उपकरण, ठगे गये रूपयों बाबत पूछताछ की जा रही है। आरोपी साइबर क्राइम के विशेषज्ञ है। संभावना है कि इन्होंने अनेक लोगों को ठगी का शिकार बनाया होगा। जिस पर पुछताछ व अनुसंधान जारी है। अनुसंधान में थानाधिकारी छगन पुरोहित, हेड कांस्टे बल किशोर सिंह, कांस्टेाबल कुलदीप सिंह, भगवत सिंह, मनोहर सिंह, मामराज तथा गजराज शामिल थे।