डिजीटल सेवाएं एवं केशलेस भुगतान में विश्वविद्यालयों की भूमिका
उदयपुर। केन्द्रीय वित राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने ग्रामीण महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत का विकास जब तक संभव नहीं है जब तक सुदूर ग्रामीण जन भी केशलेस भुगतान को समझे और इसे क्रियांवित करें। उन्होने कहा कि आपका मोबाईल ही आपका बटुआ है।
आज के डिजिटल युग में बटुआ खो जाने का डर है। बटुए पर परिवारजन की भी नजर रहती है। आज के युग में बटुए की जगह मोबाइल ने ले ली है मोबाईल अगर पर्स बन जायेगा तो वह सुरक्षित भी रहेगा और जानकारी भी रहेगी, मैंने पैसा कब कब खर्च किया। उन्होने विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वे महिलाओं को केसलेश की दिशा में सशक्त करें। उन्होने भीम एप की जानकारी देते हुए कहा कि एक अंगुठा लगाने पर पैसा ट्रांसफर हो जायेगा इसके लिए मोबाइल में नेट की आवश्यकता भी नहीं होगी। अवसर था रविवार को जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय में प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में डिजीटल सेवाएं एवं केशलेस भुगतान में विश्वविद्यालय की भूमिका विषयक पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कहे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाएं केसलेश सिस्टम के प्रति जागरूक बने एवं उसे अपने जीवन से जोडे। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से ग्रामीण अंचल में चल रहे सेन्टर्स को केसलेस सिस्टम से जोड़ा जायेगा।
केसलेस सिस्टम सरकारी योजनाए एवं लोगों के बीच की दुरी को कम करता है। आम जन में सहज करने लिए पारदर्शिता, कागजी कार्यवाही को कम करना, कार्य कुशलता में सुधार और समय की बचत के लिए केशलैस सिस्टम आवश्यक है। उन्होने कहा कि आगामी दिनों में सेन्टर्स के माध्यम से ग्रामीण महिला एवं आमजन को केसलेस सिस्टम के बारे में प्रायोगिक तौर पर जानकारी दी जाएगी। प्रारंभ में निदेशक डॉ. मंजू मांडोत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, डेयरी अध्यक्ष डॉ. गीता पटेल, भाजपा नेता प्रमोद सामर थे। संचालन डॉ. धीरज प्रकाश जोशी ने किया जबकि धन्यवाद चितरंजन नागदा ने किया। समारोह में प्रो. जीएम मेहता, डॉ. लिली जैन, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, डॉ. पारस जैन, डॉ. युवराज सिंह, राकेश दाधीच सहित डीन डायरेक्टर उपस्थित थे।