हंसी के ठहाकों से मिली गुलाबी सर्दी से निजात
देर रात चला हास्य कवि सम्मेलन
उदयपुर। महाराणा लायन्स चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा लायन्स क्लब महाराणा के सहयोग से महाराणा भूपाल सार्वजनिक चिकित्सालय के ट्रोमा सेन्टर को गोद लेकर उसके सर्वांगीण विकास हेतु में सहायतार्थ शनिवार को शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर आयोजित किये गये विराट हास्य कवि सममेलन में हास्य के ठहाकों ने गुलाबी सर्दी के बीच गर्मी का अहसास करा दिया।
कवि सम्मेलन की शुरूआत कवित्रिी तिवारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर की। हास्य कवि अनिल अग्रवंशी ने अपनी रचना पेश करते हुए कहा- हंसना-हंसाना आदत है मेरी, अपना बनाना आदत है मेरी, लोग मुंह फेर के आवाज दे बुलाना आदत है मेरी…, हास्य कवि राजेश चेतन ने रचना मनु रूप धरती पे आना किस्मत है, हिन्दुस्तान का आबोदाना किस्मत है,गुमसुम गुमसुम कब त यूं ही बैठोगे, ताली के साथ ताल मिलाना किस्मत है… पेश की तो श्रोताओं ने तालियों के साथ भरपूर दाद दी।
सब टीवी फेम कवि हिमांशु बवंडर की रचना एसी की ठण्डक ना दे,बूझे बरगद की छांव तो दे दें,कंक्रिटो के जंगल ना दे, बचपन वाला गांव तो दें दे, जर, जोरू, जमीन सब फिजूल है, मेरी मुझे मेरी मां के जन्नत वाले पांव तो दें दे…ने सभी को आनन्दित कर दिया। श्रृंगार रस की कवियित्री मुमताज नसीम ने अपने गीत तुझे कैसे ईल्म हो न सका, बड़ी दूर तक यह खबर गयी,तेरे शहर की शायरा, तेरी आरजू में मर गयी… पर श्रोताओं ने वाह-वाह से मंच को गंुजायमान कर दिया। सूत्रधार राव अजात शत्रु ने फिल्म पद्मिनी के विरोध पर निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली को सलाह देते हुए अपनी कविता पाठ करते हुए कहा -पन्ना बलिदान अमर तीरथ बारी भी याद नहीं, चंदन की चीखें गूंज रही, मांगी लेकिन फरियाद नहीं, अपने फिल्मी ड्रामे में थोड़ी सच्चाई गढ़ लेते, यदि चित्तौड़ को पढ़ना था, पं. नरेन्द्र मिश्र को पढ़ लेते…. को जनता ने तालियों के साथ भरपूर समर्थन दिया।
पद्मश्री कवि अशोक चक्रधर ने अपनी रचना में कहा कि जो मेहनत करी, तेरा पेशा रहेगा, न रेशम सहीं, तेरा रेशा रहेगा, अभी कर ले पूरे, सभी काम अपने,तू क्या सोचता है हमेशा रहेगा…सुनाकर तालियों की दाद लूटी। उन्होंने अपनी एक और कविता तू गर दरिंदा है तो से मसान तेरा है, अगर परिन्दा है तो आसमान तेरा है…, बाल कवि बैरागी ने अपनी रचना में कहा है करोड़ो सूर्य लेकिन सूर्य है बस नाम के, जो न दें, हमको उजाला दे, भला किस काम के, जो रात भर लड़ता है उस दीप को दीजे दुआ, सूर्य से वो श्रेष्ठ तुच्छ है तो क्या हुआ, वक्त आने पर मिला ले हाथ जो अंधियार से, संबंध उनका कुछ नहीं है, सूर्य के परिवार से… सुनाई।
लखनउ की वीर रस की कवियित्री कविता तिवारी ने रचना में कहा अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिंदा है, तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिंदा है, न भाषण से है, उम्मीदें न वादों पर भरोसा है, शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान जिंदा है..सुनाकर सभी ने तालियों से स्वागत किया। अशोक चक्रधर ने दिल्ली के हालात बताते हुए कहा कि आंखों में जलन, आंखे में नमी, कुछ-कुछ धुआं-धुआं है, किसी ने कहा कहां हो अब तक दिल्ली में कहीं तो सभी श्रोताओं ने तालियों के साथ का भरपूर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकरी अस्पतालों के हालात यह है कि यदि वहां रोगी ठीक हो या न हो लेकिन उसके साथ जाने वाला जरूर बीमार हो जाता है..,कूड़ा फैलाने वाले कूडे का विस्तारण कर रहे है तो लायन्स क्लब उस कूडे का निस्तारण करने आगे आया है, कूडे को एक जगह इकठ्ठा नहीं कर उसका निस्तारण करना है, उससे बिजली उत्पन्न होती है।
बाल कवि बैरागी ने कहा हम सौभाग्यशाली है हमसे 6 वर्ष बढ़े करीब 93 वर्षीय गोपालदास नीरज आज एक मात्र हिन्दी का कवि जीवित है। यह ऐसा कवि है जिसे चार पीढ़ियों ने उन्हें सुना है। यह हिन्दी का सौभाग्य है। इसमें शामिल होना प्रसन्नता की बात है। सरस्वती किसी को क्षमा नहीं करती है। वह या तो किसी को पंडित करती है, या किसी को दंडित करती है या किसी को महामंडित कर देती है।
हास्य कवि राजेश चेतन- ने कहा- किसी के हिस्से की ताली रखना कालाधन है और अभी देश में प्रधानमंत्री मोदी है..पर श्रोताओं ने तालियों के साथ जबरदस्त दाद दी। कविता- वनवासी राम- राम वन गये,तो बन गये, मात-पिता की आज्ञा का तो एक बहाना था, मातृभूमि की रक्षा करने प्रभु को वन में जाना था..जाट हरियाणा को, पटेल गुजरता को, गुर्जर राजस्थान को आरक्षण की आग में झुलसाया.. ताज महल मोहब्बत की निशानी है,मोहब्ब्त की कोई निशानी है तो राम सुते है, कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को प्राप्त करने सागर पर पुल बना दे तो वह प्यार है…।
क्लब अध्यक्ष लायन सी.एस.राठौड़ ने कवियों एवं आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया। सीपी शर्मा, प्रवीण सुथार, यूनिक इन्फ्रा के आर.एस.यादव का स्वागत किया। इस आयोजन से प्राप्त होने वाली धनराशि का उपयोग जनसेवार्थ काम में लिया जाएगा।
संयोजक राजेश शर्मा ने कहा कि स्वच्छता के अभियान को नया रूप देने के लिये यह कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। क्लब सचिव अशोक माण्डावत, कार्यक्रम संयोजक अशोक जैन, विपिन लोढ़ा, संजय कोठारी, राजीव भारद्वाज, अजय मेहता, योगेश चौधरी, चेतन चैधरी सहित अनेक सदस्यों ने कवियों का उपरना ओढ़ाकर स्वागत किया।