पेसिफिक विश्वविद्यालय के फैकल्टी आॅफ मैनेजमेन्ट द्वारा ‘अन्डरस्टैन्डिंग इम्पोर्टेन्स आॅफ क्वालिटी स्टैण्डर्डस’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 82 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
पेसिफिक विश्वविद्यालय के फैकल्टी आॅफ मैनेजमेन्ट की डीन प्रो. महिमा बिड़ला ने बताया कि उद्योग-व्यापार के हर क्षेत्र में गुणवत्ता एवं उसके मानकों का अत्यधिक महत्व है, अतः विद्यार्थियों को इसकी जानकारी देना आवश्यक है। उद्योग व्यापार जगत में चाहे वस्तु उत्पादन हो अथवा सेवा क्षेत्र हो, उच्च गुणवत्ता ही सफलता का मूल मंत्र है। छात्र जब अध्ययन के पश्चात उद्योग जगत में कदम रखेंगे तो उन्हें कदम-कदम पर प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में वे अपनी कम्पनी के उत्पादों की गुणवत्ता को भारतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मानकों पर परख सकें एवं उनमें सुधार ला सकें, इसी उद्देश्य से उन्हें मानकों की जानकारी दी गई। पेसिफिक विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों के बारे में उपयोगी जानकारी देने के उद्देश्य से समय-समय पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है, जिससे वे अध्ययन के पश्चात अपने कैरियर में सफलता प्राप्त कर सकें। इसी क्रम में इस कार्यशाला एवं व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यशाला संयोजक डा. पुष्पकान्त शाकद्वीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्यूरो आॅफ इन्डियन स्टेन्डर्डस, जयपुर से आए विशेषज्ञों कनिका कालिया एवं दुष्यन्त प्रजापति ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को विभिन्न भारतीय मानकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने हरेक उत्पाद में गुणवत्ता के महत्व को समझाया। तथा उच्च स्तरीय मानकों की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने मानकीकरण की प्रक्रियाओं के बारे में भी समग्र जानकारी प्रदान की।
प्रारंभ में मारूति सेवा समिति के डा. एस.के. जैन ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे जिस भी क्षेत्र में जाए। वहाँ भारतीय मानको का उच्च स्तर बनाए रखने का प्रयास करें। कार्यशाला में मारूति सेवा समिति के डा. एस.के. जैन, दीलिप चैरड़िया मौजूद थे।