उदयपुर। सूफी गायक कैलाश खेर ने कहा कि राजस्थान रणबांकुरों की धरती है। शहर में संस्कृति एवं संगीत विश्वविद्यालय बने तो बेहतर होगा। यदि यह कार्य होता है तो कैलाश खेर सबसे आगे होगा।
नगर निगम की रजत जयन्ती पर आयोजित संास्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने खेर प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उदयपुर की यह खासियत है कि यहंा हर 100 मीटर पर पौराणिक मंदिर, पीपल, नीम एवं शीशम के वृक्ष पाये जाते है। यह ईश्वर की उदयपुर को देन है। ऐसा कहीं ओर देखने को नही मिलता है। उन्होंने कहा कि मोबाईल के अत्यधिक प्रचलन में लोगों के चेहरों से हंसी छूट रही है। जीवन में खुशियों के वजन के अतिरिक्त और कोई वजन नहीं रखना चाहिये। बड़े-बुजुर्गो की सेवा करते हुए हमेशा उनके साथ रहना चाहिये। संगीत के क्षेत्र में 14 वर्ष की यात्रा कर चुके खेर ने बताया कि हर क्षेत्र में राजस्थान के सामनें विश्व के करोड़ों लोगों कहीं नहीं टिकते है। विश्व में अनेक स्थानों पर पत्थर के टीले दिखाई देते है जबकि राजस्थान में शिवलिंग के और यहीं फर्क राजस्थान को दूसरों से अलग बेमिसाल बनाता है।
खेर ने बताया कि 3 वर्षों से नयी उड़ान नामक कार्यक्रम अनेक गायक लाॅन्च किये है। वे इस कार्यक्रम के जरिये स्टार नहीं संस्कार और कलाकार बनाने की गारंटी देते है। मन से किये हुए कार्य,कार्य नहंी सिद्धी होते है। उन्होंने कहा कि शादी भी अब ह्दय से नहीं हो रही है इसलिये तलाक के मामलें बढ़ रहे है।
अखिल राजस्थान फिल्म संघर्ष समिति की ओर से सीईओ मुकेश माधवानी ने सूफी गायक कैलाश खेर का बुके भेंट कर स्वागत किया। प्रेस वार्ता में नगर निगम महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, राजसमन्द विधायक किरण माहेश्वरी, प्रेस समिति अध्यक्ष हंसा माली, संास्कृतिक समिति अध्यक्ष जगदीश मेनारिया सहित अनेक पार्षद मौजूद थे।