उदयपुर। झीलों के संरक्षण और संवर्धन के लिए संभागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल ने चार समितियां गठित की हैं। समितियां अपनी रिपोर्ट 10 मई तक प्रस्तुमत करेंगी। इसके बाद 16 मई को वापस एनएलसीपी की बैठक होगी।
पर्यावरण, सौन्दर्यीकरण एवं पारिस्थितिकीय विकास समिति में एडीएम (प्रशासन) संयोजक तथा उपवन संरक्षक (दक्षिण) सहसंयोजक एवं सदस्य सचिव मनोनीत करते हुए भूमि अवाप्ति अधिकारी एवं अधीक्षण अभियन्ता नगर विकास प्रन्यास, अधिशाषी अभियन्ता(द्वितीय) नगर परिषद एवं पुलिस उप अधीक्षक(यातायात) को सदस्य मनोनीत किया गया। इसमें सोसायटी द्वारा नामित गैर सरकारी सदस्य/विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। यह समिति झीलों व उनके परिवेश का सौन्दर्यीकरण एवं पारिस्थितिकीय विकास, झीलों में सीवरेज की समस्या, मलबा, मिट्टी व जलीय घास निकालने की समस्या, अव्यवस्थित टापूओं का स्वामित्व चिन्हीकरण एवं वैधानिक विकास, झीलों में अथवा उनके किनारे अनाधिकृत व्यवसायी गतिविधियों की रोकथाम, खाद्य सामग्री विक्रेताओं से झीलों के किनारे होने वाले प्रदूषण व गंदगी पर नियंत्रण तथा झीलों के आसपास व केचमेन्ट क्षेत्र में पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन के लिए पौधरोपण आदि उपाय के कार्य करेगी।
निर्माण निषेध क्षेत्र व्यवस्थापन समिति में एडीएम (शहर) को संयोजक तथा तहसीदार, नगर विकास प्रन्यास को सहसंयोजक एवं सदस्य सचिव बनाते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर), विशेषाधिकारी, नगर विकास प्रन्यास, उपनगर नियोजक, राजस्व अधिकारी नगर परिषद, अधिशाषी अभियन्ता जल संसाधन विभाग(शहर) को सदस्य बनाया गया है। सोसायटी के गैर सरकारी सदस्य/विशेषज्ञ भी समिति में रहेंगे। यह समिति झीलों एवं जलाशयों के सीमांकन संबंधी दस्तावेजों का संकलन, निषेध क्षेत्र में लागू भवन विनिमय की पालना पर निगरानी, झीलों के किनारे निर्माण निषेध क्षेत्र में अवैध व बिना स्वीकृति निर्माण , परिवर्तन, परिवद्र्घन की रोकथाम तथा डूब व सीमांकन क्षेत्र में निर्माण प्रतिबंध , अतिक्रमण व अनाधिकृत निर्माण पर प्रभावी नियंत्रण हेतु कार्य करेगी।
नौका संचालन समिति का संयोजक जिला रसद अधिकारी एवं सहसंयोजक व सदस्य सचिव अधिशाषी अभियन्ता जलसंसाधन विभाग को बनाया गया है। समिति में जिला यातायात अधिकारी प्रथम, अधिशाषी अभियन्ता द्वितीय नगर विकास प्रन्यास, कमाण्डिंग ऑफिसर(एनसीसी नेवल यूनिट), गैराज अधीक्षक, नगर परिषद, क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सदस्य बनाये गये है। समिति में सोसायटी के गैर सरकारी सदस्य भी रहेंगे। यह संचालित नावों के अनुज्ञापत्र, फिटनेस, सक्षम अनुमति, शुल्क अदायगी की जॉच, नावों में सुरक्षा व्यवस्था, नौका संचालन से जुडे राजकीय विभागों, स्थानीय निकायों, होटल व्यवसायियों से विचार विमर्श कर वर्ष की विभिन्न ऋतुओं एवं जलस्तर अनुरुप नावों की अधिकतम अनुमति संख्या निर्धारण एवं शुल्क पुन:निर्धारण के प्रस्ताव , नावों से फैलने वाले प्रदूषण को उच्चन्यायालय के निर्देश के अनुरुप नियंत्रित रखने हेतु प्रस्ताव, झीलों में निजी होटल व्यवसायियों द्वारा निर्मित व संचालित अलग-अलग जेटियों के स्थान पर स्थानीय निकाय द्वारा नाव संचालन व सुरक्षात्मक दृष्टि से पब्लिक जेटी के निर्माण व सशुल्क संचालन हेतु प्रस्ताव तथा झीलों में आसपास इको-फ्रेंडली गतिविधियों को प्रोत्साहन हेतु प्रस्ताव पर कार्य करेगी।
विधिक समिति में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त संयोजक तथा कलक्टे्रट के सहायक विधि परामर्शी सहसंयोजक एवं सदस्य सचिव बनाये गये है। समिति में सचिव नगर विकास प्रन्यास, आयुक्त नगर परिषद, वरिष्ठ नगर नियोजक, विधि सहायक नगर विकास प्रन्यास, अधिशाषी अभियन्ता (शहर), सिंचाई विभाग सदस्य बनाये गये है। सोसायटी गैर सरकारी सदस्य भी शामिल होंगे। यह समिति राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा झीलों के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास हेतु विभिन्न रिट याचिकाओं में पारित निर्णयों में जारी निर्देशों का व्यवस्थित संकलन, उच्च न्यायालय के निर्णयों की अनुपालना का दस्तावेज संधारण तथा संबंधित कार्यकारी विभागों से अनुपालना का समन्वय, झीलों के संबंध में उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण, जनहित यायिकाओं की वर्तमान स्थिति, विभिन्न याचिकाओं में निहित प्रमुख विषयों का दस्तावेज संधारण, झील विकास प्राधिकरण के गठन हेतु त्वरित कार्यवाही के प्रयास तथा झीलों को प्रदूषण से बचाने एवं प्रदूषित करने वालों के विरुद्घ दण्डात्मक प्रावधानयुक्त विनिमय तैयार कराने संबंधी कार्य करेगी।